क्या आप दर्पण के सामने कह सकते है कि आप पवित्र है? तो फिर क्यों सुने ईश्वर!

 

अधिकतर लोग पूजा-पाठ करते हैं ,कुछ बहुत अधिक करते हैं कुछ कम करते हैं । कुछ हाथ जोड़कर काम चला लेते हैं । किन्तु कुछ को कृपा इश्वर की मिल पाती है और अधिकतर को नहीं मिलती और वह भ्रम पाले रहते हैं की ईश्वर शायद परीक्षा ले रहा है , कारण परिक्षा नहीं होता, कारण आपकी खुद की कमियाँ होती हैं , आप शुद्ध -पवित्र -नैतिक दृष्टि से सही -चारित्रिक दृष्टि से सही नहीं हैं इसलिए आपको पूर्ण कृपा नहीं मिल पाती । क्या आप ईश्वर के सामने जल-अक्षत-पुष्प लेकर संकल्प पूर्वक कह सकते है की यदि में…

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क्या भाजपा नेता जान चुके असलियत, इसलिए हो रही छटपटाहट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोनों केंद्र में भाजपानीत एनडीए सरकार बनाने का आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। यह आत्मविश्वास एक्जिट पोल के नतीजों ने दिया है। केंद्र सरकार के तमाम मंत्री भी टीवी स्क्रीन पर इस आत्मविश्वास को चार चांद लगा रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी के कुछ करीबियों तथा कई राज्यों में पार्टी के लिए घूम कर प्रचार करने वाले नेताओं को इस पर भरोसा नहीं हो रहा है। मेरठ के एक बड़े भाजपा नेता को भी लग रहा है कि 23 मई को नतीजे आने पर भाजपा…

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सियासी सागर में धक्के मार-मार कर मोदी ने राहुल को सफल राजनीतिक तैराक बना दिया?

यदि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कामयाब हो जाते हैं तो इसका सबसे ज्यादा श्रेय पीएम मोदी को जाएगा? सियासी सागर में धक्के मार-मार कर पीएम मोदी ने राहुल गांधी को सफल राजनीतिक तैराक बना दिया है!
वर्ष 2014, जब पीएम मोदी अपने सर्वोच्च पर थे, तब राहुल गांधी जीरो पर थे, बल्कि कहना चाहिए कि सोशल सेना ने उन्हें जीरो से भी नीचे पहुंचा दिया था.
तब, पन्द्रह साल तक दिल्ली की सीएम रही वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने भी राहुल गांधी की सियासी समझदारी को लेकर टिप्पणी की थी, लेकिन पीएम मोदी टीम की…

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नैतिकता का गिरता स्तर: छदम प्रोपेगंडा रचने से तैयार हुआ मीडिया से भांड तक का सफर

(माखन विजयवर्गीय)

विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश हिन्दुस्तान के चार स्तंभों में से एक मीडिया को माना गया है। जनता और सरकार के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करने वाली मीडिया अब अपने पथ से विमुख होती जा रही है। आम जनता के लिए बेहद ही भरोसे का यह स्तंभ आज चापलूसी एवं अराजकता को बढ़ाने में अपनी अहम् भूमिका निभा रहा है। हम इस खबर में यह भी बताएंगे कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि जिस मीडिया ने मोदी को फर्श से उठाकर अर्श तक पहुंचाया आज वही लोग विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपो…

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कुंठित बदजबान नेताओं के ओछे बोल, आखिर क्या है मंशा

 

राजनीति का गिरता स्तर कहें या फिर नेताओं के धर्मजाति से भरे पूर्वाग्रह. जिस के चलते हर पार्टी के नेता कुंठित बदजबानी कर सारी नैतिकता लांघ रहे हैं. नेताओं के इन ओछे बोलों पर अंकुश जरूरी है.
घटिया और छिछोरी राजनीति का यह वह दौर है जिस में बदजबान नेताओं के मुंह में जो आ रहा है वे उसे बोले जा रहे हैं. बात कम हैरत की नहीं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ऐसा ज्यादा हो रहा है. भाजपा नेता भी दूसरे नेताओं से बदजबानी के मामले में उन्नीस नहीं हैं. फर्क…

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