उज्जैन

लंबित प्रमोशन मांगो को लेकर विवि के प्रोफेसरों का चरणबद्ध आंदोलन शुरू

उज्जैन

उज्जैन। 
1 सूत्री मांग को लेकर विवि के प्रोफेसरों  का चरणबद्ध आंदोलन शुरू।
किसी का 10 वर्ष से तो किसी का 15 वर्षों से  लंबित है प्रमोशन।

उज्जैन ब्यूरो चीफ मोहित राजे

उज्जैन वर्षों से  लंबित पड़े  प्रमोशन मामले को लेकर मर्माहत, प्रताड़ित प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से  अपनी 1 सूत्री मांग  को लेकर  धरना प्रदर्शन  शुरू कर दिया है  प्रथम दिन  30/9/2019 को विश्व विद्यालय परिसर स्थित विक्रमादित्य  की प्रतिमा के सामने  शाम 4:से 5 बजे तक धरना प्रदर्शन क्या  दिनांक  1/10 / 2019  को को भी  इसी स्थान पर  धरना प्रदर्शन  किया जावेगा एवं  दिनांक  2/10  /2019 को प्रातः 11:00  सेंट्रल लाइब्रेरी  के सामने  धरना प्रदर्शन किया जाएगा  । यह क्रम  प्रोफेसरों की  1 सूत्री मांग मंजूर नहीं होने तक  जारी रहेगा ।
गौरतलब रहे कि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के विधि सम्मत रूप से वर्ष 2007-200 8 में नियुक्त होकर लगभग  आज दिनांक तक 39 कार्यरत शिक्षक, (अध्यापक एवं उपाचार्य एवं  इसके भी पूर्व  से विश्वविद्यालय में पदस्थ वरिष्ठ शिक्षकों प्राध्यापक उपाचार्य मैं  किसी का 10 वर्ष से  तो किसी का 15 वर्ष के बाद भी नियत अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पदोन्नति,/ उच्चतर एजीपी में स्थानन  न होने से प्रभावित शिक्षक मर्माहत ,प्रताड़ित एवं दुखी हैं ।प्रशासन द्वारा षड्यंत्र पूर्वक इस प्रक्रिया को रोक कर उनके अकादमी भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।वस्तु स्थिति से विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से अवगत होने के बावजूद उदासीनता बरत रहा है ।शिक्षकों द्वारा अनेकों बार आवेदन -निवेदन करने के बाद भी आज तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन  शुरू किया है ।
इस संबंध में शिक्षक संघ के अध्यक्ष कनीया मेडा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को आवेदन निवेदन करके अवगत कराया गया किंतु आज तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया हमारे द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से निरंतर यह मांग की जाती रही है मगर विश्वविद्यालय प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है विवि प्रशासन के इस रवैए को लेकर आंदोलन का रास्ता अपनाया गया है ताकि विश्वविद्यालय प्रशासन का इस ओर ध्यान केंद्रित हो सके।
यदि हमारी एक सूत्री मांग विवि प्रशासन द्वारा नहीं मानी गई तो आंदोलन निर्बाध रूप से जारी रहेगा।