निवाड़ी ओरछा --- शुक्रवार का दिन महिलाओ के लिये विशेष रहा आज के दिन सुहागिन महिलाये सुबह से ही मन्दिरो पर पूजा अर्चना कर बरगद के पेड़ों की पूजा करते हुये देखी गई शुक्रवार को पड़ने बाली इस बरगदा अमावस्या पर महिलाओ ने अपने अपने पतियो की लंबी उम्र के लिये बरगद के पेड़ से धागा बांध चना एवम बरगद के फूल को खा कर ईश्वर से कामना की वही नव विवाहिताये अपने अपने पतियों के साथ पूजा पाठ करती रही।इस बार कोरोना वायरस की बजह से इस पूजा को अधिकांश महिलाओं ने अपने घर के आंगन में वरगद की टहनी लगाकर नियमानुसार पूजा अर्चना वरगद की परिक्रमा कर पतियों के लम्बी उम्र की प्रार्थना की गई।
।सावित्री ने यमराज से पति को बचाया।
ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पड़ने बाले इस व्रत की जानकारी देते हुये श्री रामराजा मन्दिर के पुरोहित आचार्य पंडित वीरेन्द्र कुमार बिदुआ जी ने बताया की ऐसी मान्यता है कि सावित्री नाम की महिला की शादी सत्यबान के साथ हुई थी लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद यमराज सत्य बान को लेने आ गये सावित्री ने यमराज से अपने पति को ना ले जाने का आग्रह किया लेकिन यमराज नही माने तो यमराज के साथ सावित्री भी जाने लगी तो यमराज ने सावित्री के प्रेम एवम त्याग से खुश होकर कहा कि हम तुम्हारे पति को लेकर जायेगे लेकिन तुम अपने पति के बदले जो भी मांगोगी वह में दूँगा इस पर सावित्री ने सो पुत्रो की माँ बनने का वर मांगा जिसे यमराज ने दे दिया फिर सावित्री ने कहा की कोई स्त्री अपने पति के वगैर माँ कैसे बन सकती इस पर यमराज सावित्री से हार मान चना के रूप में सत्यबान के प्राण लोटा दिये इस पर सावित्री ने उसी वट बृक्ष के नीचे पूजा कर चना एवम बरगद के फूल को खाकर पति के साथ वापस घर गई तभी से महिलाये पति की लंबी उम्र के लिये यह व्रत रखती है।आचार्य श्री अनुसार मान्यता है की वरगद के पेड़ की पूजा करने से उसके पति की उम्र वट बृक्ष की तरह हो जाती है।इसलिये महिलाये व्रत के साथ वट वृक्ष की पूजा कर प्रार्थना करती है।