ग्वालियर

एसआई को भृष्टाचार के आरोप में 4 साल की सजा मिली

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ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायाधीश रामजी गुप्ता ने एएसआई धनीराम शाक्य को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने आरोपित को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया है।

विशेष लोक अभियोजक अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि राकेश चौधरी ने 8 फरवरी 2016 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक आवेदन दिया। उसने बताया कि भितरवार थाना पुलिस ने उसकी रेत से भरी ट्रॉली पकड़ ली है। उसके ट्रैक्टर पर मोटर व्हीकल एक्ट व टैक्सेशन की कार्रवाई की है, लेकिन उसकी आड़ में एएसआई धनीराम शाक्य 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। उसने बताया कि वह रिश्वत देना नहीं चाहता है। एएसआई को रंगेहाथ पकड़वाना चाहता है। लोकायुक्त पुलिस ने उसे टैप रिकॉर्डर दिया। जिसमें रिश्वत मांगने की वार्ता रिकॉर्ड हो गई। उसके बाद 10 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने धनीराम शाक्य को रंगे हाथ पकड़ लिया। मामले की जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया गया। आरोपित की ओर से तर्क दिया गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। किसी से रिश्वत नहीं मांगी है। इसलिए सजा देने में नरमी बरती जाए। विशेष लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि आरोपित को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। समाज में संदेश देने के लिए आरोपित को कड़ी सजा दी जाए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपित को 4 साल की सजा सुनाई।