राजगढ़

कैसे होगा माफिया मुक्त मध्यप्रदेश, बरसों से पदस्थ राजगढ़ खनिज अधिकारी कर रहे मुख्यमंत्री का सपना चकनाचूर

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कैसे होगा माफिया मुक्त मध्यप्रदेश, बरसों से पदस्थ राजगढ़ खनिज अधिकारी कर रहे मुख्यमंत्री का सपना चकनाचूर 

राजगढ़। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह और मप्र के गृहमंत्री लगातार माफिया मुक्त मध्यप्रदेश करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं लेकिन राजगढ़ के अधिकारियों के रवैये से नही लगता कि मप्र कभी माफिया मुक्त होगा। राजगढ़ के खनिज अधिकारी के रवैये से तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राजगढ़ में उनकी मिली भगत से ही माफिया पनप रहे हैं। मामला बारवां खुर्रम में अवैध रेत बजरी मुरम खनन का है। जहां बिना आवंटन ही लगातार सैंकड़ो घन मीटर खनन कर दिया गया । शिकायतें लगातार मिल रही है लेकिन खनिज अधिकारी या प्रशासन के कान पर जूं तक नही रेंगी। या तो अधिकारी अकर्मण्य हो चुके हैं या मिलीभगत कर चुपचाप सरकार को चूना लगाने में व्यस्त है। अथवा दबंगई के सामने कच्चे सूत से हाथ बांधकर घिघिया रहे हैं। 
उल्लेखनीय है कि जिले में 29 खदाने 35000 घन मीटर खनन के लिए आवंटित की गई थी। लेकिन जहां इन 29 खदानों को ठेकेदार ने पेटी ठेकेदारों को दे दिया जो 2200 रुपए तक फर्जी रसीदों के माध्यम से खनिज बेच रहे हैं। 
जो 29 खदान आवंटित की गई है उनमें बारवां खुर्रम का नाम नही है बावजूद वहां खनन माफिया सक्रिय है। इसकी शिकायत संजय जाट नामक युवक ने पचोर तहसीलदार एआर चिरामन, खनिज अधिकारी मुमताज खान से की तो खनिज अधिकारी युवक को चुप बैठकर रसीद बनवाने का कह रहे है वहीं तहसीलदार पर पटवारियों पर टालने के आरोप युवक ने लगाए हैं। 
ऐसा ही मामला पटाड़िया धाकड़ का है वहां भी हालूहेड़ी के रास्ते पर नाले में अवैध खनन जमकर हो रहा है लेकिन आजतक कार्रवाई तो दूर अधिकारी उधर फटके भी नहीं, जबकि खनन माफिया अधिकारियों के साथ देखा गया है। ऐसे आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं।