राजगढ़

राजगढ़ में जमीनों की जादूगरी के पचास बरस, न्याय के लिए अब भी भटक रहा परिवार

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राजगढ़। कलेक्ट्रेट कार्यालय राजगढ़ में जमीनों की जादूगरी की एक शिकायत आई है। शिकायत के अनुसार मिसलबन्दी से लेकर आजतक जमीन जहां है , जिनकी थी उनके पास ही है। परन्तु जमीन के अधिकार पत्र दस्तावेज के लिए पीड़ित परिवार तीन  पीढ़ी से न्यायालय के चक्कर लगा रहा है।
शिक्षा के अभाव में जैसा वकीलों ने कहा वैसा माना, पेशी हुई, अगली तारीख मिली, वकील को पेशगी प्रस्तुत कर घर पहुंच गए। बस यही का यही घटनाक्रम तीन पीढ़ी से हो रहा है।

मामला राजगढ़ जनपद के चांदपुरा गांव का है। शिकायतकर्ता जगन्नाथ पिता कालूजी सोंधिया, बापूलाल पिता कालूजी सोंधिया
एवं बिरमसिंह, लक्ष्मीनारायण, मांगीलाल पिता स्व. हीरालाल सोंधिया ने बताया कि हमारे स्व. पिता कालूजी पिता अमानजी निवासी चांदपुरा की लगभग 57 बीघा जमीन है।  जो वर्ष 1975 के समय राधारमण पिता नारायणबक्स ,  शिवकुमार पिता राधारमण, गजेंद्र पिता राधारमण ने कलेक्ट्रेट में बाबू होने का फायदा उठाकर 57 बीघा जमीन कागजों में फर्जी कब्जा दर्शाकर नाम परिवर्तन करवा लिया। जिसकी जानकारी लगने के बाद से उक्त जमीन का तत्समय से ही राजगढ़ न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। जिसके हमारी और से वर्तमान वकील महेंद्रसिंह खींची निवासी खिलचीपुर है। उक्त प्रकरण गत 45 साल से विचाराधीन है।

बताया गया कि मामले में लगभग 25 वर्ष पहले राधारमण के पुत्र शिवकुमार के साथ दो अन्य भी कब्जा करने के लिए पिस्तौल लेकर आए थे तब विवाद के दौरान आरोपी शिवकुमार ने कारतूस चलाए थे। तत्समय सनखेड़िया थानेदार के साथ पुलिस ने उक्त आरोपियों पर मामला भी दर्ज किया था।

कागजों में ही हो रहे सौदे, कागजों से ही मिल रहा ऋण

फरियादी का कहना है कि मामला न्यायालय में होने के बावजूद जमीन का सौदा कागजों में ही न जाने कब राधारमण और उसके बेटे शिवकुमार और गजेंद्र ने कर दिया।  खरीददार तनवीर वारसी पिता एजाज हुसैन और सुरेंद्रसिंह  पिता प्रतापसिंह सिसोदिया ने कागजों में ही जमीन खरीदकर फर्जी तरीके से बैंकों से ऋण भी प्राप्त कर लिया।

चांदपुरा हल्का बरखेड़ा जागीर तहसील राजगढ़ स्थित जमीन सर्वे क्रमांक 33/7, 100, 101, 102, 103, 105, 106, 107, 108 , 109, 111, 118, 119, 120, 125, 126, 132, 133, 134 कुल किता 19 रकबा 7.489 हेक्टेयर तनवीर वारसी पिता एजाज हुसेन जाती मुसलमान निवासी कर्मचारी कालोनी ब्यावरा,   और सर्वे क्रमांक 96, 97, 98,99, 104/3, 114, 116, 122, 123, 124, 128, 129/160, 130/2, 131, 131/159 कुल किता 15 रकबा 7.295  हेक्टेयर पर सुरेंद्र पिता प्रतापसिंह सिसोदिया ने फर्जी रजिस्ट्री करवा कर ऋण प्राप्त किया है।

कलेक्ट्रेट में शिकायत करने आए फरियादियों ने  कहा कि उक्त जमीन के सभी सर्वे मिसलबन्दी के दौरान से लेकर आजतक पहले हमारे पिता कालूजी पिता अमान जी और उनके फौत हो जाने के बाद स्व.हीरालाल पिता कालूजी, जगन्नाथ पिता कालूजी और बापूलाल पिता  कालूजी के पास है। जिसमे से तीनों भाई के हिस्से के अनुसार हमारे स्व. भाई हीरालाल की जमीन अब उनके पुत्र विरमसिंह, लक्ष्मीनारायण, और मांगीलाल के कब्जे में है। ओर हमारे हिस्से की हमारे कब्जे में है। जिसकी दोनों सीजन की फसल भी हम लोग बरसों से कर रहे हैं। इन जमीनों की गिरदावरी प्रतिवर्ष पटवारी करते हैं। लेकिन हमारा नाम नही लिखा जाता है जिससे फसलें खराब होने पर मुआवजा भी आरोपी तनवीर हड़प जाता है।

फरियादियों ने कलेक्टर राजगढ़ से निवेदन किया है कि प्रशासनिक अमले के साथ पूरे गांव के पंचों के बयान करवाकर हमारी जमीन दस्तावेजों में भी हमें दिलवाकर हमें न्याय दिलाएं।