भोपाल

कोरोना महामारी के बीच उपचुनाव की सरगर्मी तेज, इस तारीख को लग जाएगी आचार संहिता

भोपाल

 


भोपाल। मप्र में कोरोना संक्रमण के फैलने पर जैसे जैसे काबू पाया जा रहा है। वैसे ही उपचुनाव की सरगर्मी भी तेज हो गयी है। रिक्त हुई कुल 28 सीटों पर मप्र में नवम्बर तक उपचुनाव होना है। 
 चुनाव आयोग पहले ही तय कर चुका है कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही देश की 66 सीटों पर उपचुनाव कराये जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक उपचुनाव के लिए 29 अथवा 30 सितंबर से आचार संहिता लगाने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी इन तारीखों में प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार चुनाव तथा मप्र उप चुनाव की घोषणा कर सकते हैं। 

फिलहाल प्रमुख त्यौहारों के चलते चुनाव आयोग तारीखों में तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहा है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में चुनाव कराये जा सकते हैं। बिहार में वर्तमान सरकार 30 नवंबर 2015 को बनी थी। जिसके चलते यहां की सरकार के कार्यकाल के ख़त्म होने (29 नवंबर) के पहले यहां विधानसभा चुनाव कराने होंगे।  फिर 17 से 25 अक्टूबर तक नवरात्रि है। इसलिए 26 से 31 अक्टूबर तक 65 विस सीटों और एक लोकसभा सीट पर चुनाव कराए जा सकते हैं। जिसमे मध्य प्रदेश की 28 सीटें भी शामिल हैं। वहीं दीपावली और छठ जैसे त्यौहारों के कारण आयोग बिहार में चुनाव की सारी प्रक्रिया 12 नवंबर तक पूरी कराने की तैयारी कर रहा है। इसी के साथ 66 सीटों के उपचुनावों (मध्यप्रदेश सहित) के परिणाम घोषित करने की तैयारी है। यदि बिहार के परिणाम 12 नवंबर तक आए तो मध्यप्रदेश के परिणाम भी इसी तारिख के आस पास आ सकते हैं।

 

चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव प्रचार से लेकर मतदान केंद्रों तक के लिए कोविड-19 प्रोटोकोल घोषित किया है। जिसके तहत ही पूरी चुनाव प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। मप्र में हाल ही ब्यावरा विधायक की हुई असामयिक मृत्यु के बाद ब्यावरा सीट भी रिक्त घोषित होने से 28 सीट पर चुनाव होना है।   28 विधानसभा सीटों में 16 विधानसभा सीटें ग्वालियर चंबल संभाग की है, जहां पर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। शिवराज और सिंधिया की जोड़ी यहाँ ताबड़तोड़ सभाएं कर करोड़ों की सौगात दे रहे हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। बसपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुकी है।