बैतूल

स्टाफ क्वार्टर के सरकारी क्वाटर में रह रहे व्यक्ति द्वारा काटा जा रहा पीपल का पेड़

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शाहपुर : एक ओर जहां कोरोना वायरस के कारण देश में ऑक्सीजन की कमी आम नागरिक को महसूस हो रही है, ऑक्सीजन के कारण ना जाने कितने लोगों ने अब तक अपनी जान गवा बैठे हैं । सरकार, एनजीओ लोगों से वृक्ष लगाने की अपील कर रहे है । यह जो ऑक्सीजन की कमी हमें महसूस हो रही है इस कारण अपने जीवन काल में कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाएं। चारों तरफ अभी ऑक्सीजन की कमी हो रही है इसके बावजूद खुद को प्रकृति का दुश्मन मान कर बरसो पुराने पीपल के पेड़ों को काटने में जरा भी निसंकोच नही कर हरे-भरे पेड़ को काट रहे हैं। पेड़ पर चढ़ते समय, कुल्हाड़ी से काटते समय जरा भी दया उनको इस हरे भरे पीपल के पेड़ पर नहीं आ रही जिसकी हिंदू धर्म मे पूजा होती है।
जानकारी अनुसार नगर परिषद के स्टाफ क्वार्टर मैं सरकारी क्वार्टर जोकि सिर्फ सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए आवंटित होते हैं उसमें एक आदमी पिछले दो-तीन दिनों से रह रहा है। आज सुबह आस-पड़ोस के लोगों ने बरसों पुराने एक पीपल के पेड़ काटते हुए देखने पर पेड़ काटने से मना किया गया, परंतु अपने रुतबे का पावर दिखाते हुए व्यक्ति द्वारा पेड़ काटा जा रहा था जिस पर मोहल्ले के लोगों ने ऑब्जेक्शन लेते हुए खरी-खोटी सुनाने पर पेड़ की कुछ डालिया ही काटकर नीचे उतर आया । सवाल यह उठता है कि जब अभी स्टाफ क्वार्टर में कंटेनमेंट जोन बना हुआ है, तो यह व्यक्ति घर में कैसे आकर रहने लगा क्या संबंधित की सूचना किसी ने भी अधिकारियों को नहीं दी जिस घर में व्यक्ति रह रहा है। वह मकान सिर्फ सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों को ही आवंटित किए जाते हैं तो फिर यह व्यक्ति उन मकानों में कैसे रह रहा है ? अब देखना यह होगा कि बाहर से आए इस व्यक्ति पर अधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है । जबकि इस तरह के सरकारी भवनों में प्राइवेट व्यक्ति कैसे रह रहा है वह बांग्ला जिस दिन कर्मचारी को आवंटित हुआ है किसके द्वारा उसे बेच दिया गया या किराए पर दिया गया है यह तो जांच में ही पता चलेगा!