इंदौर

मध्यप्रदेश में अब तक 98 कोरोना संक्रमित, बुजुर्ग की मौत, कोरोना के लक्षण, रिपोर्ट आना बाकी

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इंदौर। एमवाय अस्पताल की एक महिला डॉक्टर भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो गई हैं। मंगलवार सुबह भोपाल एम्स से आई 17 मरीजों की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई। 3 दिन में वे कई मरीजों का इलाज कर चुकी हैं और स्टाफ से भी मिलती रही हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया के मुताबिक, डॉक्टर लखनऊ गई थीं, वहां से झांसी होते हुए पिछले हफ्ते इंदौर आईं। उनके 10-15 दिन ट्रैवल करने की बात सामने आई है।

उनकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री निकाल ली है। करीब 20 लोग उनके संपर्क में आए थे। इन सभी को क्वारैंटाइन किया जाएगा। यदि किसी में लक्षण दिखे तो सैंपल भी लेंगे। इसके अलावा संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय में प्रशासनिक पद पर रह चुके खजराना क्षेत्र निवासी एक डॉक्टर की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। हालांकि उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। उनका अरबिंदो में इलाज चल रहा है।

मध्यप्रदेश के इंदौर में बुधवार देर रात 12 और मरीजों की कोरोनावायरस संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ ही शहर में संक्रमितों की संख्या 75, जबकि राज्य में 98 पहुंच गई है।

15 दिन से बीमार एक वृद्ध की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कोरोना संक्रमण की शंका में उनके सैंपल जांच के लिए भेजे थे, जिसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है। परदेशीपुरा टीआई राहुल शर्मा ने बताया कि वृद्ध 15 दिन से बीमार था। उसके जो लक्षण बताए गए थे, वे कोरोना संभावित हो सकते हैं। इसी के चलते उसका स्पेशल ट्रीटमेंट किया जा रहा था। उधर, पुलिस ऐसे लोगों की भी जानकारी निकाल रही, जिनकी हाल ही में मौत हुई हो। थानों में दर्ज ऐसे प्रकरण खंगाले जाएंगे, जिसमें मौत का कारण सिर्फ बीमारी लिखा हो। उसके बाद उनके परिवारों से बात की जाएगी कि उन्हें कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या तो नहीं है।

अप्रशिक्षित नर्सिंग छात्र की ड्यूटी लगाई, इलाज करने के बाद हुआ कोरोना पाॅजीटिव
एमवाॅय अस्पताल इंदौर में नर्सिंग के छात्र- छात्राओं को डयूटी करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। हालही में यह पुरा मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन का आलम यह है कि यहां अनुवभी डाॅक्टर्स पीछे हट जाते है और अप्रशिक्षित नर्सिंग के छात्र छात्राओं को इलाज करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सबसे बडी बात तो यह है कि उज्जैन से इलाज के लिए इंदौर एमवाय में भर्ती हुई कोरोना संक्रमित महिला के कारण एक नर्सिंग का छात्र भी इसका शिकार हो गया है। अब वह अप्रशिक्षित छात्र की रिपार्ट कोरोना पाॅजीटिव आई है। जिसका जिम्मेदार कालेज प्रशासन है। ऐसे में मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को इस और गंभीरता से ध्यान देते हुए अप्रशिक्षित नर्सिंग के विद्यार्थियों को ड्यूटी पर तैनात नहीं करना चाहिए।