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फोटोग्राफर से महाराष्ट्र के CM तक ऐसा रहा उद्धव का सफर

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महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों चले सियासी घमासान के बीच अब यह लगभग तय हो चुका है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। इसके साथ ही राज्य में ना सिर्फ एक नए गठबंधन की सरकार बनेगी बल्कि पहली बार ठाकरे परिवार का कोई शख्स मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। पिता से विरासत में मिली शिवसेना और राज्य की राजनीति को उद्धव ने बखूबी आगे बढ़ाया और कम बोलने वाले उद्धव 1 दिसंबर को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। आईए जानते हैं एक आर्टिस्ट से राजनेता और फिर मुख्यमंत्री तक के उनके सफर के बारे में।

उद्धव का जन्म ठाकरे परिवार में 27 जुलाई 1960 को हुआ था। उनके परिवार में पत्नी रश्मि ठाकरे और दो बेटे आदित्य और तेजस हैं। आदित्य सक्रिय राजनीति में हैं जबकि तेजस अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। उद्धव कम और धीरे बोलने वाले शख्स हैं। अपने पिता बाल ठाकरे के रहते वो सक्रिय राजनीति से दूर ही रहे लेकिन जब बाल ठाकरे की उम्र ढलने लगी तब उन्होंने 2003 में उद्धव को अपना उत्तराधिकारी बनाया। 40 साल सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाले उद्धव आखिरकार इसमें कदम रख चुके थे और यहां से उन्होंने पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया। हालांकि, उनके पार्टी प्रमुख बनने के लिए उन्हें अपने चचेरे भाई राज ठाकरे की नाराजगी झेलनी पड़ी।

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों चले सियासी घमासान के बीच अब यह लगभग तय हो चुका है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। इसके साथ ही राज्य में ना सिर्फ एक नए गठबंधन की सरकार बनेगी बल्कि पहली बार ठाकरे परिवार का कोई शख्स मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। पिता से विरासत में मिली शिवसेना और राज्य की राजनीति को उद्धव ने बखूबी आगे बढ़ाया और कम बोलने वाले उद्धव 1 दिसंबर को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। आईए जानते हैं एक आर्टिस्ट से राजनेता और फिर मुख्यमंत्री तक के उनके सफर के बारे में।

उद्धव का जन्म ठाकरे परिवार में 27 जुलाई 1960 को हुआ था। उनके परिवार में पत्नी रश्मि ठाकरे और दो बेटे आदित्य और तेजस हैं। आदित्य सक्रिय राजनीति में हैं जबकि तेजस अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। उद्धव कम और धीरे बोलने वाले शख्स हैं। अपने पिता बाल ठाकरे के रहते वो सक्रिय राजनीति से दूर ही रहे लेकिन जब बाल ठाकरे की उम्र ढलने लगी तब उन्होंने 2003 में उद्धव को अपना उत्तराधिकारी बनाया। 40 साल सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाले उद्धव आखिरकार इसमें कदम रख चुके थे और यहां से उन्होंने पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया। हालांकि, उनके पार्टी प्रमुख बनने के लिए उन्हें अपने चचेरे भाई राज ठाकरे की नाराजगी झेलनी पड़ी।

बाल ठाकरे के दौरान और उनके जाने के बाद शिवसेना की राज्य में छवि बदली। जहां पहले पार्टी राज्य में सबसे बड़े दल के रूप में और भाजपा के बड़े भाई की तरह नजर आती थी वही अब छोटे भाई के रूप में दिखाई देने लगी। हालांकि, उद्धव ने इसके बावजूद पार्टी को धार दी और लोकसभा चुनावों में दम दिखाया।

फोटोग्राफी के शौकिन उद्धव बनने जा रहे CM

उद्धव को पार्टी और राज ठाकरे के बजाय अलग नेचर का नेता माना जाता है। उन्हों फोटोग्राफी का शौक है और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी ज्यादा पसंद है। उनकी तस्वीरों को कईं प्रदर्शनियों में शामिल किया जाता है। एक लेखक और आर्टिस्ट के रूप में शांत स्वभाव वाले उद्धव अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए सक्रिय राजनीति में आए और अब राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।