26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद खत्म होते दिख रहे आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसूओं ने जैसे संजीवनी दे दी। पिछले 66 दिनों से चल रहा जो आंदोलन 28 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर से शाम तक खत्म जैसा दिख रहा था वह टिकैत के आंसुओं का वीडियो वायरल होते ही फिर तेज हो गया और 29 जनवरी की सुबह गाजीपुर बॉर्डर का हाल वैसा दिखने लगा जैसे वो 26 तारीख से पहले था। यही नहीं इस दफा लोगों में जोश भी दोगुना है और वो कृषि कानूनोें को वापस कराकर ही घर जाने की बात कर रहे हैं। वहीं सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भी आंदोलन जारी है। वहीं आज आंदोलन कर रहे किसान 26 जनवरी की हिंसा पर दुख जताते हुए और महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में एक दिन के अनशन पर रहेंगे। किसान आज के दिन को सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे हैं।
ट्रैक्टर रैली से जुड़ी 17 सौ सीसीसीटी फुटेज दिल्ली पुलिस को मिली
गणतंत्र दिवस के दौरान ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को अब तक कुल 1700 से अधिक वीडियो व सीसीटीवी फुटेज बरामद हो गए हैं। अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त बीके सिंह ने बताया कि पुलिस की अपील के बाद सैकड़ों लोगों ने पुलिस को वीडियो और फुटेज भेजना शुरू कर दिया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच के दौरान इन वीडियो से पुलिस को काफी मदद मिलेगी। वीडियो की सत्यता जांच के लिए इनको लैब भेजा जाएगा। हालांकि फुटेज और वीडियो देखकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वीडियो, फुटेज और फोटो मिलने का सिलसिला लगातार जा रही है। साथ ही पुलिस 26 जनवरी को दिल्ली में आए ट्रैक्टरों के पंजीकरण और मोबाइल कॉल के डंप डेटा की जांच कर रही है।