भोपाल

भोपाल में डेढ़ साल में छह हजार लोगों से पांच करोड़ रुपये की साइबर ठगी

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राजधानी में साइबर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि बीते डेढ़-दो माह से शहर के थानों में तकरीबन रोज ही साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हो रही हैं। ये शिकायतें पिछले डेढ़ साल से साइबर सेल में लंबित थीं। साइबर अपराध में लिप्‍त बदमाशों ने बीते डेढ़ साल में ही राजधानी में करीब छह हजार लोगों के खातों से करीब पांच करोड़ से ज्यादा की रकम उड़ा ली है। अभी तक इन मामलों में जांच के नाम पर एफआइआर समय पर नहीं की जा रही थी। कुछ दिन पूर्व एडीजी भोपाल ए सांई मनोहर ने साइबर मामलों की समीक्षा की, जिसके बाद उन्‍होंने एफआइआर कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। एडीजी के निर्देश के बाद भोपाल साइबर क्राइम ने छह हजार मामलों की राजधानी के थानों में हुई शिकायत के बाद तीन सौ ऐसे मामले चिह्नित किए हैं, जिनमें फरियादी से ठगी गई रकम ज्यादा है और वह एफआइआर लिखवाना चाहता है। हर थाने में साइबर अपराध की एफआइआर व जांच के लिए पांच-पांच पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

एमपीनगर के शिवाजीनगर में छह नंबर स्टॉप निवासी प्रमोद अग्रवाल नामक शख्‍स से ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। प्रमोद ने ऑनलाइन कस्टमर केयर का नंबर तलाशकर तौल कांटे के बारे में जानकारी लेने के लिए उसे फोन किया था। आरोपित ने उसे बातों में उलझाकर उसके बैंक खाते संबंधी जानकारी हासिल कर ली और 82 हजार रुपये निकाल लिए। उनकी शिकायत पर पांच माह बाद केस दर्ज हुआ। इसी तरह से 11 नवंबर 2020 को अजय शर्मा को अज्ञात व्यक्ति ने बैंक अफसर बनकर उनको केवायसी अपडेट की बात की और ओटीपी हासिल कर लिया। बातों में उलझाकर उनके खाते से 29 हजार रुपये निकाल लिए। उनकी शिकायत पर अब एफआइआर दर्ज कर ली गई है। इसी तरह एमपीनगर में धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है। घटना नवंबर 2020 की है। 71 साल की डॉ पुष्पा तलवार के खाते से अज्ञात आरोपित ने नेट बैंकिंग के माध्यम से करीब 12 हजार रुपये उड़ा लिए।