चंदौली

इंडिगो एयलाइंस के लूट का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग

चंदौली

मानवाधिकार कार्यकर्ता खालिद वकार आबिद की शिकायत पर आयोग में दर्ज हुआ प्रकरण,इंडिगो एयरलाइन और विमानन महानिदेशालय के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाये जाने की मांग देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो के पिछले पाँच दिनों में बिना पूर्व सूचना के 2000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हो जाने से संपूर्ण भारतवर्ष में आपात की स्थिति पैदा हो गई है और सीधे तौर पर 3 लाख यात्री प्रभावित हुए सिविल बार एसोसिएशन, जनपद चंदौली के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट खालिद वकार आबिद ने बताया कि पूरे भारत की आम जनमानस के साथ-साथ बुजुर्ग महिलाओं एवं बच्चों के लिए यह घटना बहुत घातक सिद्ध हो रही है जिसको भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व के प्रमुख समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से दिखाई एवं दर्शायी भी जा रही है साथ ही साथ इस संकट में इंडिगो एयलाइंस द्वारा मनमाना किराया 6 गुना तक लुटा गया और अभी भी लूटा जा रहा है एविएशन सेक्टर में इंडिगो एयरलाइंस ने जो भारत की छवि को नुक़सान किया है,उसकी पूर्ति नहीं हो सकती। डोमेस्टिक एरिया में तो छवि खराब हुई ही है विदेशी यात्रियों को भी बहुत कष्ट उठाना पड़ा है। इंडिगो एयरलाइंस की तकनीकी और परिचालन समस्याओं का सिलसिला अभी भी नहीं थमा है। विमान जमीन पर खड़े है । यात्रियों की परेशानियां उड़ान भरती रहीं। कई यात्रियों की कनेक्टिंग फ्लाइट, विदेश यात्रा, इलाज और जरूरी कार्यक्रम प्रभावित हुए। आगमन व प्रस्थान हॉल में पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल रहा। यात्रियों को सही जानकारी न मिलने से गहमागहमी देर शाम तक बनी रहीं। कई लोग महत्वपूर्ण बैठकों, पारिवारिक कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन बिना पूर्व सूचना फ्लाइट रद्द होने से उन्हें भारी आर्थिक और समयगत नुकसान झेलना पड़ा।DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए हथे। इसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है। इन्हें दो चरणों में लागू किया गया। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ।वहीं 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ। नए नियमों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया है। इस कारण एयरलाइन कंपनियों के पास पायलटों और क्रू मेंबर्स की अचानक कमी पड़ गई है। DGCA ने बताया कि नवंबर में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें कैंसिल की गईं, जिनमें FDTL नियमों के कारण 755 उड़ानें शामिल हैं।​​​​​​सोशल एक्टिविस्ट व सिविल बार एसोसिएशन, जनपद चंदौली के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट खालिद वकार आबिद ने मानवाधिकार आयोग को लिखे पत्र में गहरा दुःख जताते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत दुखदाई और दिल को झंझोड़ देने वाली है चूंकि राष्ट्रीय एवं राज्य मानवाधिकार आयोग, भारत के संविधान के तहत एक संवैधानिक निकाय है, जिसका गठन मानव जातियों के सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हितों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव जातियों को शोषण और भेदभाव से सुरक्षा प्रदान करना है और उनके कल्याण को सुनिश्चित करना है इसलिए खालिद वकार आबिद ने आयोग से निवेदन किया है कि उक्त प्रकरण में तत्काल स्वतः संज्ञान लेकर उचित निष्पक्ष जाँच कर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के साथ एयरलाइन कंपनी इंडिगो के जिम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कठोर कानूनी कार्रवाई किया जाये। इंडिगो एयरलाइंस पर मात्र आर्थिक दंड ही नहीं, आपराधिक मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए।इस घटना से सीधे शोषित (यात्री) लोगों को मूल किराये के साथ उचित मुआवजा दिलाया जाना एवं आवश्यक हो तोह घटना की जाँच स्वतंत्र जांच एजेंसी या सीबीआई को जाँच सौप दिया जाये ताकि इस घटना में त्वरित निष्पक्ष जाँच हो सके साथ ही जल्द से जल्द आने वाले दिनों में इंडिगो की उड़ानें और किराया पूरी तरह सामान्य हो इसकी भी जिम्मेदारी तय हो सके। जिसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,नई दिल्ली ने दर्ज कर संज्ञान में ले लिया है।

 

 

 

 

सूर्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट