चंदौली

पड़ाव - मुगलसराय मार्ग चौड़ीकरण में बाधक बन रहा था दैतरा वीर बाबा मंदिर, प्रशासन ने फ़ोर्स लगाकर हटाया

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पड़ाव-मुगलसराय मार्ग के चौड़ीकरण के काम के चलते दैतरा वीर बाबा मंदिर को हटाना पड़ा है। मंदिर की एक दीवार काटकर हटा दी गई, और मंदिर के अंदर स्थापित विग्रह को एक नए स्थान पर बने मंदिर में स्थापित किया गया। प्रशासन के इस कदम के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया। बताते चले की पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मुगलसराय के रास्‍ते पर पड़ने वाले पड़ाव पर मौजूद हैं दैतरा बीर बाबा'। घंटे वाले मंदिर के नाम से फेमस दैतरा बीर बाबा मंदिर की मान्‍यता इतनी दूर दूर तक है कि ट्रक से लेकर बाइक सवार जो भी GT रोड पर यहां से गुजरता है वो अपने यात्रा को सुखद और सफल बनाने के लिए यहां रुककर बीर बाबा का आर्शीवाद जरूर लेता है। मान्‍यता ऐसी है कि बीर बाबा के नाम की तुलसी पत्‍ती की माला जो भी आदमी अपने वाहन में रख लेता है उसकी जर्नी को बाबा सुखद बना देते हैं। नया वाहन लेने वालों की गाड़ी में कोई भी प्रॉब्‍लम हो तो बीर बाबा के दर्शन करने जरूर आते हैं। इसके अलावा भी बीर बाबा लोगों की तमाम मुरादें पूरी करते हैं और बदले में लोग यहां घंटा बांधते हैं। हजारों घंटों से पटे बीर बाबा के इस मंदिर में 24 घंटे लोग दर्शन के लिए आते हैं और इस दौरान 7 हजार तक तुलसी की मालाएं यहां बिक जाती हैं। मार्ग के चौड़ीकरण के चलते पड़ाव स्थित दैतरा वीर बाबा मंदिर इसके दायरे में आ रहा था, जिसके कारण प्रशासन ने मंदिर को स्थानांतरित करने की योजना बनाई। नए स्थान पर मंदिर का निर्माण पहले ही कर लिया गया था। तहसील के अधिकारियों के नेतृत्व में मुगलसराय कोतवाली पुलिस और पीएसी ने मौके पर पहुंचकर मंदिर के विग्रह को नए मंदिर में स्थापित किया। मंदिर के हटाए जाने से आस-पास के इलाके के लोगों में नाराजगी फैल गई और बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर की एक दीवार को ग्राइंडर से काटकर हटाया गया और वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार विग्रहों को नए मंदिर में स्थापित किया गया। पुराना मंदिर अभी भी एक हिस्से में रहेगा जिसे बाद में हटाया जाएगा। तड़वा वीर बाबा मंदिर स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां मन्नत पूरी करने के लिए घंटा बांधने की परंपरा है।