दुनियाभर में हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड* *हेपेटाइटिस डे* मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लिवर से जुड़े हेपेटाइटिस इंफेक्शन के बारे में जागरुकता पैदा करना है. वैसे तो हेपेटाइटिस कई तरह का होता है लेकिन, लिवर के लिए बेहद खतरनाक है. जी हां, लिवर हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है. यह शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकाले में अहम भूमिका निभाता है. लिवर में किसी तरह की परेशानी हो जाए, तो इससे पूरा सिस्टम बिगड़ जाता है. वर्तमान में लिवर से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं और बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के चलते कई लोग हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.नीमा प्रदेश प्रवक्ता डॉ ओ पी सिंह ने कहा कि
घरेलू उपचार आपकी काफी मदद कर सकते है
*मूली* का रस व पत्ते
मूली के हरे पत्ते पीलिया में फायदेमंद होते है. मूली के रस में बहुत प्रभावी गुण होते है कि यह खून और लीवर से अत्यधिक बिलिरूबीन को निकाल देने में सक्षम होते है. पीलिया या हेपेटाइटिस में रोगी को दिन में 2 से 3 गिलास मूली का रस जरुर पीना चाहिये. इसके साथ ही पत्ते पीसकर उनका रस निकालकर और छानकर पीएं.
*टमाटर* का रस
टमाटर का रस पीलिया में बहुत फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन सी पाया जाता है, जिस वजह से यह लाइकोपीन में समृद्ध होता होता है. इसके रस में थोड़ा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीएं.
*आंवला*
आवंले विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है. आप आमले को कच्चा या फिर सुखा कर भी खा सकते हैं. इसके अलावा जूस के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे आपको संक्रमण से बहुत राहत मिल सकती है.
*नींबू या पाइनएप्पल का जूस
नींबू का रस पीने से पेट साफ होता है. इसे रोज खाली पेट सुबह पीना पीलिया में लाभदायक होता है. इसके अवाला पाइनएप्पल भी लाभदायक होता है. पाइनएप्पल अंदर से पेट के सिस्टम को साफ रखता है.
*नीम*
नीम में कई प्रकार के वायरल विरोधी घटक पाए जाते हैं, जिस वजह से यह हेपेटाइटिस के इलाज में उपयोगी होता है. यह लिवर में उत्पन्न टॉक्सिक पदार्थों को नष्ट करने में भी सक्षम होता है. इसकी पत्तियों के साथ में शहद मिलाकर सुबह-सुबह पियें.
*अर्जुन की छाल*
अर्जुन के पेड़ की छाल, हार्ट और यूरिन सिस्टम को अच्छा बनाने के लिए माने जाती है. हालांकि, इसमें मौजूद एल्कलॉइड लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को विनियमित करने की क्षमता भी रखता है. और यह गुण इसे हैपेटाइटिस के खिलाफ एक मूल्यवान दवा बनाता है.
*हल्दी*
देश के कुछ भागों में, लोगों को यह ग़लतफ़हमी है कि, क्योंकि हल्दी का रंग पीला होता है, पीलिया के रोगी को इसाक सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि यह एक कमाल का एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव वाली तथा बढ़े हुए यकृत नलिकाओं को हटाने वाली होती है. हल्दी हैपेटाइटिस के खिलाफ सबसे प्रभावी उपायों में से एक है.
सूर्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट