डीडीयू/चंदौली। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर चंदौली प्रेस क्लब के तत्वावधान में रविवार 16 नवंबर को अलीनगर स्थित नक्षत्र लॉन में भव्य विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सायं 5 बजे आरंभ हुए इस साहित्यिक समारोह में जनपद के जनप्रतिनिधि, अधिकारी, साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद एवं प्रबुद्धजन भारी संख्या में उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल ने मां सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर की। इसके उपरांत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, जिसकी पंक्तियाँ—“ज़िंदगी जब भी ख़्वाब देती है, सबब की एक किताब देती है”ने पूरे पंडाल को भाव-विभोर कर दिया।
दिल्ली से आए युवा गीतकार कल्याण सिंह विशाल ने अपने गीतों से युवाओं में जोश भरते हुए माहौल को ऊर्जावान बना दिया। उनकी प्रसिद्ध पंक्तियाँ—“लिफाफा बंद है और बंद है पहचान चिट्ठी में,यही है आरज़ू मेरी यही अरमान चिट्ठी में”को दर्शकों का भरपूर प्रेम मिला। भीलवाड़ा (राजस्थान) से आए हास्य कवि दीपक पारीक तथा मुरादनगर के डॉ. प्रतीक गुप्ता ने अपने व्यंग्य और हास्य से श्रोताओं को ठहाकों से भर दिया। डॉ. प्रतीक की पंक्तियाँ—“पैसों से मोहब्बत जताने लगे हैं लोग,मजनू से बड़े खुद को बताने लगे हैं लोग”ने खूब तालियां बटोरीं।स्थानीय कवि डॉ. सुरेश अकेला ने अपनी प्रेरणादायी रचनाओं—“खुद अपनी उलझनों का हल तुझे बनना जरूरी है,ज़माने में नई हलचल तुझे बनना जरूरी है”से वातावरण में उत्साह का संचार किया।कवि सम्मेलन की अंतिम कड़ी में ओज से गूंजा पंडालअंतिम सत्र में अंतरराष्ट्रीय कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने एक बार फिर मंच संभालते हुए अपनी गीतों की लड़ी से माहौल को ओजपूर्ण बना दिया। उन्होंने कभी भक्ति, कभी श्रृंगार और कभी वीर रस की पंक्तियाँ सुनाकर पूरे पंडाल को ऊर्जा और भावनाओं से भर दिया। उनकी प्रस्तुतियों पर श्रोता बार-बार “वाह-वाह” करने को मजबूर हो उठे। उनकी चर्चित पंक्ति—
“ज़िंदगी जब भी ख़्वाब देती है, सबब की एक किताब देती है”
ने कार्यक्रम को चरम पर पहुंचा दिया और पंडाल देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।कार्यक्रम के दौरान चंदौली प्रेस क्लब से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार पवन तिवारी ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “राष्ट्रीय प्रेस दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि हम स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के मूल्यों को याद रख सकें। यह दिवस हमें पत्रकारिता की उस भूमिका की भी याद दिलाता है, जो समाज को जागरूक, सूचित और सशक्त बनाती है।”पूरे कार्यक्रम के दौरान काव्य-गंगा अविरल बहती रही और श्रोतागण देर तक कविताओं के रस में डूबे रहे। चंदौली प्रेस क्लब द्वारा आयोजित यह विराट कवि सम्मेलन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के आयोजकों में अमरेंद्र पाण्डेय, बृजेश कुमार, राजीव जायसवाल, पवन तिवारी, आशाराम यादव, सरदार महेंद्र सिंह, आनंद सिंह, कमलेश तिवारी, के.सी. श्रीवास्तव, संदीप कुमार निगम, कृष्ण कांत गुप्ता, करूणापति तिवारी, कृष्णा गुप्ता, संजीव पाठक, सूर्य प्रकाश सिंह, अमित गुप्ता, तलवार सिंह, मनीष द्विवेदी, मनोज उपाध्याय, फैयाज अंसारी, अनिल कुमार, अजित जायसवाल, देवेश गुप्ता, कार्तिकेय पाण्डेय सहित अन्य सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।