पचोर। शहर के एक जिंदा व्यक्ति को पटवारी लालसिंह ने मृतक बता दिया है। करीब साल भर पहले पटवारी द्वारा सौंपे गए इस प्रतिवेदन के बाद वसीयत में मिलने वाली जमीन तो फरियादी को नही मिल पाई लेकिन मरा हुआ फरियादी जब केस को एसडीएम कोर्ट में लेकर पहुंचा तो जिस वसीयत भी फर्जी निकली। हालांकि अब मरे हुए आदमी को जिंदा होने की लड़ाई भी न्यायालय में लड़ना पड़ेगी तब कहीं जिंदा हो सकेगा।
जी हां पटवारी चाहे जिसे जिंदा मृत या जमींदार ओर जमींदार को फुटपातिया घोषित कर सकते हैं वो भी महज एक प्रतिवेदन में। मामला पचोर का है। असल मामला बंशीलाल पिता देवीराम जाटव की मृत्यु 14 फरवरी 2010 में होने के बाद उसकी जमीन के लिए पैदा हुए असली वारिस की रिपोर्ट का था। बंशीलाल के मरने के बाद उसकी 0.506 हेक्टेयर भूमि दो पुत्रियों में बांटी जाना थी। बंटवारा प्रकरण पचोर तहसील में चला इसी दौरान रमेशचन्द्र जाटव नामक व्यक्ति ने दावा पेश किया कि मृतक उसके ससुर थे और उसके नाम से वसीयत करके गए हैं। लेकिन तहसीलदार ने दावा खारिज कर दिया। इसी घटना में पटवारी लालसिंह भिलाला ने रिपोर्ट पेश की थी जिसमे लिखा गया है कि मृतक बंशीलाल के वारिस के रूप में दो पुत्रियां गीताबाई ओर मांगीबाई है। एवं वसीयत नामा दामाद रमेशचन्द्र पिता भागमल के नाम है। और रमेशचन्द्र की भी मृत्यु हो चुकी है।
इस रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार पचोर की कोर्ट से बंटवारा प्रकरण खारिज हो गया और पटवारी के अनुसार मर चुका मृतक रमेश अब एसडीएम कोर्ट में जमीन अपने नाम करने के लिए अपील लेकर पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि मृतक बंशीलाल के द्वारा कोई वसीयत भी नही की गई थी इसकी पुष्टि रहवासी और बंशीलाल के जानकारों ने दी है।