राजगढ़

वार्ड 14 में बाजी मारेगी बीजेपी? या फिर निर्दलीय का बजेगा डंका, कांग्रेस क्यों नही पकड़ पा रही चाल

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पचोर शहर की राजनीति का केंद्र सराफा बाजार वार्ड 14 में राजनीतिक तूफान चरम पर है। यहां एक निर्दलीय सब पर भारी पड़ता दिख रहा है। वार्ड वासियों में चर्चा है कि टिकिट वितरण में अनदेखी करने से परिणाम बदल सकता है। हालांकि वार्ड 14 बीजेपी का गढ़ है। लेकिन चुनावी समर में स्थितियां कब कहाँ कैसे बदल जाए कहा नही जा सकता। जहां कांग्रेस ने दिग्गज नेता उमेश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है। हालांकि उनका खुद का वोट वार्ड 14 में नही है लेकिन उनकी वार्ड में पकड़ है। वही  भाजपा ने पहली बार चुनाव लड़ रहे मंडल महामंत्री विकास करोड़िया को उतारा है। पहली बार बीजेपी के गढ़ में बीजेपी की साख दांव पर है। 
वजह निर्दलीय बन रहे है। विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक वार्ड में कांग्रेसी परिवार महज 25 प्रतिशत के लगभग है। लेकिन निर्दलीय प्रमोद सोनी बजरंग दल एवं हिंदूवादी छवि के होने की वजह से युवा वर्ग पूरी तरह से अंदरूनी लगा हुआ है। वहीं बची खुची कसर पूरी करने के लिए सिंधिया गुट के संजय राणा के नेता सिंधिया का फोटो पोस्टरों में नही होने से प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर पान की दुकान से ही पैठ बनाने में लगे है। संजय के साथ कांग्रेस से जुड़े युवा भी है। वहीं वार्ड में मुस्लिम परिवारों के वोट कांग्रेस के लिए अहमियत रखते है लेकिन निर्दलीय सईद भाई ने मैदान में मोर्चा संभालकर कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। उधर कुम्हार मोहल्ला बीजेपी का गढ़ है लेकिन रामकुमार प्रजापत के निर्दलिय बने रहने की वजह से कुम्हार मोहल्ले के पारिवारिक वोट उनके पक्ष में जाने के डर से  अब कार्यकर्ताओ की अहमियत समझ मे आने लगी है। कुल मिलाकर वार्ड 14 में जहां भाजपा कांग्रेस की सीधी फाइट रहती थी वहां निर्दलीय वर्षेस दलीय संघर्ष होता दिख रहा है। बीजेपी और कांग्रेस जिन्हें वोट बैंक मानकर निर्भीक होने का दम भरती थी वहां कड़ा त्रिकोणीय संघर्ष होने के साथ ही रोचक मुकाबला हो गया है। जैसे जैसे चुनाव की तारीख पास आ रही है मुकाबला और भी रोचक होता जा रहा है। 

बीजेपी का गढ़ वार्ड 14 
वार्ड 14 के रिकार्ड के मुताबिक अब तक के पार्षदों में भाजपा से दिनेश गुप्ता नेताजी मनोनीत पार्षद, स्व. घनश्यामदास अग्रवाल पार्षद बनकर अध्यक्ष बने, त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा के वरिष्ठ नेता रामबाबू सक्सेना निर्दलीय चुनाव जीते, फिर भाजपा के ही ब्रजमोहन वर्मा, मनीष यादव कर्नल और निर्वतमान पार्षद सोना दीपक सोनी पार्षद बने। नगर परिषद के पिछले 30 वर्षीय रिकार्ड में एक बार भी कांग्रेस इस वार्ड से नही जीत पाई। ऐसे में भाजपा जीत के लिए आश्वस्त है। लेकिन इसी रिकार्ड के अनुसार भाजपा के दो नेता एक साथ मैदान में होने पर त्रिकोणीय संघर्ष में निर्दलीय रामबाबू सक्सेना की जीत हुई थी इसे नजर अंदाज नही किया जा सकता।  मतदान के नजदीक आते आते अंतिम दिनों में भाजपा को कड़ी मेहनत के दौर से गुजरना होगा। वहीं सईद मोहम्मद के निर्दलीय मैदान में होने से कांग्रेस चाल पकड़ेगी भी या नही कहा नही जा सकता।