भोपाल

संदीप तेल हत्याकांड में मास्टर माइंड रोहित सेठी की कोई चाल तो नही...

भोपाल

 

संदीप अग्रवाल उर्फ संदीप तेल के सनसनीखेज हत्याकांड के पर्दे के पीछे का असली सच अब जल्द ही सामने आ सकता है... इंदौर के विजयनगर में सरेआम हुए गोलीकांड की गुत्थी पुलिस सुलझाने के काफी करीब पहुंच गई है और इस केस से किसी भी वक्त पर्दा उठ सकता है... रेैकी करवाकर हत्याकांड को अंजाम देने के आरोपी गैंगस्टर सुधाकर राव मराठा एवं दो अन्य को पुलिस आज निम्बाहेड़ा से ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लेकर आ रही है... पुलिस के अनुसार, कारोबारी संदीप तेल को गोलियां सुधाकर के ही शूटरों ने मारी थीं... दूसरी तरफ, इसी गोलीकांड के एक अन्य षड्यंत्रकारी रोहित सेठी के भोपाल में सरेंडर करने की बात सामने आई है, लेकिन भोपाल पुलिस इसकी पुष्टि करने से बच रही है... अब इसमें यह भी साफ हो चला है कि साजिशकर्ता रोहित सेठी कहीं कोई किसी खास मकसद या फिर पुलिसिया जांच को भटकाने के इरादे से किसी के मार्फत पेश तो नहीं हुआ... भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार, अब इस मामले में एक और पेंच आ  गया है... चर्चा है कि पुलिस ने सतीश भाऊ के लगातार सम्पर्क में रहने वाले कुख्यात इंदौरी बिल्डर दीपक जैन उर्फ दीपक भद्दा उर्फ दीपक सिसौदिया को गोपनीय ढंग से तकरीबन 2-3 दिनों से बैठा रखा है, लेकिन उसे ‘ताबे’ में लेने की बात को क्लियर नहीं कर रही है... काबिलेगौर है कि आरोपी सुधाकर राव मंदसौर में एसआरएम नामक केबल चलाता है, जिसका वो मतलब बताता है शिवाजी राव मराठा... अब खास चौंकाने वाली बात ये भी है कि आरोपी गैंगस्टर सुधाकर राव अपनी एसआरएम केबल को दूसरे षड्यंत्रकारी रोहित सेठी की कम्पनी एसआर में मर्ज होना भी बताता है... जिसका दूसरा अर्थ है एसआर, मंदसौर...

शक के दायरे में हमपेशा कुख्यात ज़मीनी जगलरों की गैरमौजूदगी :
संदीप अग्रवाल हत्याकांड से पुलिस कितना न्याय कर पाती है, यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा। इधर संदीप से लाखों-करोड़ों का कारोबार करने वाले उसके कई करीबी हत्याकांड के बाद से ही मुंह छुपाते फिर रहे हैं। रात-दिन संदीप के साथ रहने वाले यह सफेदपोश संदीप को गोली लगने के बाद न तो अस्पताल पहुंचे और न ही उसकी अंत्येष्टि में पहुंचे। गौरतलब है कि भूमाफिया नीलेश अजमेरा, चम्पू अजमेरा, हैप्पी धवन, बाबी छाबड़ा, दीपक सिसौदिया उर्फ दिलीप जैन, शरद डोसी जैसे शहर के उन सफेदपोश जमीनखोरों के नाम हैं, जो संदीप अग्रवाल से रात-दिन कारोबारी यारी निभाते थे। संदीप को जब गोलियां मारी गई, तो न जाने इन यारबाजों को क्या हुआ कि दोस्त की न तो खबर लेने आए न ही उसकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। बाम्बे हॉस्पिटल में जब संदीप जिंदगी और मौत से जूझ रहा था तब नीलेश, चम्पू या बाबी जैसे एक भी दोस्त वहां नहीं पहुंचे। ये चांडाल चौकड़ी उस एमवाय अस्पताल में भी नजर नहीं आई जहां संदीप का पोस्टमार्टम हुआ, न ही यह गैंग उस तिलकनगर मुक्तिधाम में दिखी, जहां संदीप की अंतिम यात्रा पहुंची थी। सवाल उठना लाजमी है, कि आखिर इन्हें किस बात का डर था कि यह सामने नहीं आए। 


चैनल हेड की मदद से रोहित के सरेंडर की चर्चा : संदीप अग्रवाल हत्याकांड में संदेही साजिशकर्ता रोहित सेठी ने कल रात भोपाल में सरेंडर कर दिया। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। रोहित को पेश करवाने में अश्विनी मिश्रा की भूमिका सामने आई। अश्विनी मिश्रा एक नेशनल चैनल का हेड है, उसकी पत्नी का नाम नीता मिश्रा है। नीता मिश्रा 16/11/2018 को एस.आर. डिजिटल टीवी एण्ड ब्राडबैंड प्रा. लि. की डायरेक्टर बनी है। इसी दिन कम्पनी में अभिषेक बालमुकुंद राय भी डायरेक्टर बना वहीं उसके बाद 29/10/2018 को संतोष गहलोत और 9/11/2018 को राजेश गोहा व 3/12/2018 को अशोक तिवारी की नियुक्ति हुई। दरअसल, रोहित सेठी दुबई भागने की तैयारी में था। रोहित ने तीन दिन पहले चेन्नई में हवाला के जरिए 20 लाख रुपए मंगवाए थे, इंदौर से यह रकम विजय मंडलोई जिसका मोबाइल नम्बर 9826622677 और 9755556556 है,  ने हवाला करवाए थे। हत्याकांड में रोहित का नाम सामने आया तो पुलिस ने उस पर दबाव बनाया, उसकी पत्नी को पुलिस ने हिरासत में लिया। साथ ही देश के सभी एयरपोर्ट में पुलिस ने रोहित को लेकर रेडअर्ल्ट जारी किया। रोहित को जब यह जानकारी लगी तो उसने दुबई जाना केंसल कर दिया और एसआर डिजिटल के डायरेक्टर नीता मिश्रा के पति अश्विनी मिश्रा की मद्द से पुलिस के समक्ष पेश हो गया। अश्विनी मिश्रा की भोपाल में जबरदस्त राजनेतिक पकड़ है, इसी का फायद रोहित को मिला। इस तरह की बाजार में चर्चा है। वहीं यह बात भी सामने आई है कि मिश्रा दंपति के परिवार से जुड़ा एक पत्रकार इंदौर में सुबह के दैनिक अखबार में काम करता है। वह खबरों को गलत तरह से प्रकाशित कर जांच की दिशा को भटकाने में लगा है। सूत्रों की मानें तो इस पत्रकार अश्विनी मिश्रा को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। 

सुधाकर मराठा को आज लाएंगे इंदौर :
संदीप अग्रवाल की हत्या करवाने का जिम्मा मंदसौर का कुख्यात बदमाश सुधाकर मराठा ले रहा है। सुधाकर हत्या से पहले नाटकीय ढंग से राजस्थान के निम्बाहेडा जेल में पहुंच गया था। उसने वहां एक युवक के साथ जमकर मारपीट की और उसी अपराध में जेल चला गया। सुधाकर से इंदौर क्राइम ब्रांच से पूछताछ की तो उसने संदीप को मरवाने की बात कबूली है। सुधाकर अब तक सात हत्याएं में शामिल रहा है। उसने अपने शूटर अज्जू उर्फ अज्जू भोई और विकास तिवारी से संदीप का काम तमाम करवाया। शूटर यहां से वारदात करने के बाद नागदा में रूके और फिर आगे बढ़ गए। इस हत्याकांड में पुलिस को इन दोनों के अलावा शैलेंद्र पंवार, सतपाल जाट और नागदा में नायर हत्याकांड में शामिल रहे अश्विनी सिरोलिया की भी तलाश हैं। सूत्रों की माने तो सुधाकर ने ढाई महीने पहले संदीप अग्रवाल की हत्या का तानाबाना उज्जैन में बुना था। उज्जैन के सटोरिया कल्लू भाया के घर सुधाकर मराठा, रोहित सेठी और युवराजसिंह की मीटिंग हुई थी। रोहित के केबल का काम मंदसौर में युवराजसिंह संभालता है। युवराज गैंगस्टर सुधाकर राव मराठा का खास है इसी युवराज के जरिए रोहित सेठी और मराठा की मीटिंग हुई थी। रोहित सेठी ने संदीप द्वारा चैनल के 19 करोड़ रुपए मांगे जाने की बात कही थी। युवराज ने ही सुधाकर को इस बात के लिए तैयार किया था कि रोहित तकलीफ में है उसकी मद्द करो। 

सुधाकर राव मराठा मंदसौर में एसआरएम (सुधाकर राव मराठा) चैनल संचालित करता है। इस चैनल का आपरेटर राइट रोहित सेठी ने दे रखे थे, युवराज सिंह यहां सेटअप बाक्स लगाने का काम करता है। पिछले दस साल से युवराज भी सुधाकर के लिए मंदसौर में चैनल का काम संभाल रहा है। सूत्रों की माने तो उज्जैन में हुई बैठक फैल हो गई थी। इंदौर क्राइमब्रांच ने निम्बाहेड़ा जेल में इन बिन्दुओं पर भी बात की, लेकिन उसने खास जानकारी नहीं दी। पुलिस ने उसका ट्रांजिट रिमांड लिया है, आज सुधाकर को इंदौर लाया जा सकता है। इसके बाद ही पुलिस मामले का आधिकारिक रूप से खुलासा कर देगी। 

बड़ा काम निपट जाए, तब तक रुकवाओ फैसला : संदीप अग्रवाल हत्याकांड में शुरू से एडीजी अजय शर्मा की रवानगी डालने वाली गैंग यानि की, रोहित सेठी, सुशील बजाज, संतोष दुबे हत्याकांड के षड्यंत्रकारी मनोहर वर्मा, पिंटू ठाकुर, अल्पेश चौहान के शामिल होने की बात सामने आ रही हैं। इनमें पिंटू ठाकुर, संतोष दुबे व यवल सोमानी हत्याकांड के बाद काफी पैसे वाला हो गया है। पिंटू के बारे में बताया जा रहा है कि इन दिनों वह बड़वाह में डिस्टिल वॉटर की फैक्ट्री भी चला रहा है। उसका ज्यादा समय वही बीतता है, लेकिन अपराध की दुनिया से उसने नाता नहीं तोड़ा है। संतोष दुबे हत्याकांड का फैसला जल्द आने वाला है। इसमें सारे गवाह आरोपियों के खिलाफ गए हैं। इससे आशंका है कि मर्डर से जुड़े किरदारों को सजा होना तय है। सूत्रों की माने तो पिंटू ने अपने वकील के असिस्टेंड को यह कहा था कि फैसले की तारीख को कुछ माह आगे बढ़वाओ इस बीच हमारा बड़ा काम निपट जाएगा। 

सतीश भाऊ गैंग के गुर्गों की तलाश :
संदीप अग्रवाल मर्डर के बाद पुलिस ने कुख्यात बदमाश सत्यनारायण लुनिया को पकड़ा था, लुनिया सतीष भाऊ का शूटर है। इस कांड में गब्बर चिकना, राहुल भाट उर्फ राहुल बारीक निवासी छोटी खजरानी शापिंग काम्पलेक्स की तलाश है, राहुल का भाई लखन बारीक उर्फ लखन भाट जेल में है। यह लखन सतीष भाऊ का नजदीकी है और बाद में गब्बर चिकना से भी जुड़ गया था। इनके अलावा एक बदमाश अरविन्द पंवार को भी पुलिस ढूंढ रही है, अरविन्द का नाम रीगल पर हुए हत्याकांड में सामने आया था। इसे जब इंदौर से जबलपुर ट्रांसफर किया तो वहां से ये पेशी के दौरान फरार हो गया। अरविंद इन दिनों राजस्थान में अलवर के पास छिप कर गैंग चला रहा है। हत्याकांड में जिस कार का इस्तमाल किया गया था वह राजस्थान से ही चोरी की गई थी। अरविंद जबलपुर में सतीष भाऊ से जुड़ा था, इसी अरविंद का एक भाई पंकज पवार है जो भोपाल में एसआर चैनल के काम में पार्टनर है। अरविंद का तीसरा भाई धीरज पवार परदेशीपुरा में रहता है। संदीप अग्रवाल की हत्या के चार-पांच दिन पहले यह धीरज परिवार सहित राजस्थान गया था। धीरज ने अपने लोगों के बीच यह बात फैलाई थी कि वह शादी समारोह में शामिल होने जा रहा है। इन पवार बंधूओं का मूल ठिकाना राजेस्थान ही है और यह सभी सतीष भाऊ, सत्यनारायण लुनिया से जुडेÞ हुए हैं। सत्यनारायण लुनिया वही बदमाश है, जिसने एडीजी अजय शर्मा के नाम से संदीप अग्रवाल से करोड़ों रुपए की वसूल की थी। लुनिया के साथ नीलू उपाध्याय और सुशील बजाज भी शामिल हैं।
 

दीपक जैन- मनीष शर्मा से मिले अहम सुराग : संदीप अग्रवाल हत्याकांड से जुड़े रोहित सेठी के खास मनीष शर्मा और शहर के बदमाश बिल्डर दीपक जैन उर्फ दीपक सिसोदिया को जब पुलिस ने उठाया और उनसे अलग-अलग पूछताछ की तो हत्याकांड में शामिल चहरों से नकाब उठता चला गया। पुलिस की खास मदद नीलू उपाध्याय और सत्यनारायण लुनिया के उस आॅडियो क्लिप से भी मिली, जिसमें वह संदीप तेल से एडीजी के नाम पर वसूली की बात कर रहे थे। यह पूरी गैंग कुख्यात गैंगस्टर सतीष भाऊ की बेहद नजदीकी गैंग है।

हर शहर में बदमाशों के हाथ एसआर :
इंदौर का कुख्यात सत्यनारायण लूनिया बदनावर में एसआर केबल का काम संभालता है। वहीं महू में सर्वेसर्वा पंचम ठाकुर है, तो मंदसौर में सुधाकर मराठा से गठजोड़। इस तरह नागदा में अश्विनी सिरोलिया का नाम एसआर केबल संभालने के रूप में चर्चित है। यह जितने भी नाम हैं, हर एक का आपराधिक इतिहास पुलिसिया पन्नों में दर्ज है। कुल मिलाकर रोहित नामी गुंडों से गंठजोड़ कर पत्रकारिता के नाम पर बड़ी कुख्यात गैंगों  का सर्वेसर्वा बना बैठा है। न्यूज चैनल के नाम पर अफसरों से दोस्ती की जाती है और फिर अपने काले धंधों का खेल खेला जाता है। रोहित पर मुंबई की बार डांस गर्ल चांदनी और डिजीयाना के मालिक सुखदेवसिंह को भी निपटाने व उलझाने का आरोप है। सुखदेवसिंह घुम्मन ने पुलिस में शिकायत भी की थी कि किसी लड़की के मार्फत रोहित सेठी उस पर झूठा केस भी दर्ज करवा सकता है। रोहित का हिसाबनीस मनीष शर्मा खुद कईं लोगों को यह कह चुका है कि 2012 में चांदनी नामक बार गर्ल को निपटाने की साजिश रची गई थी। वहीं 2016 में डिजीयाना कैबल के मालिक सुखदेवसिंह घुम्मन की।