भोपाल

सीहोर में सैयां भए कोतवाल तो दिव्यांग के परिवार को छोड़ना पड़ा घर, देखें वीडियो

भोपाल

जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का, जी हां यह कहावत चरितार्थ हो रही है सीहोर में, यहां एक दिव्यांग के परिवार को पुलिस की दादागिरी की वजह से घर छोड़कर जाना पड़ा है। पूरी कहानी के साथ देखें सीसीटीवी फुटेज में माजरा, एवं समझें। 

यह वीडियो सीहोर के वैशाली नगर का है।
एक परिवार पर दूसरा परिवार वाले लोग प्राणघातक हमला कर रहा है।
यहां तक कि बंदूक तक का उपयोग हुआ है।
जिस परिवार ने गालियां बकी कैमरे तोड़े और बंदूक उठाई वह परिवार एक पुलिस वाले का है।
जिस परिवार पर हमला हुआ वह परिवार एक दिव्यांग बैंक कर्मचारी गुड़ बेला निवासी ओमप्रकाश चंद्रवंशी जाति खाती का है।  इस व्यक्ति को सुनाई नहीं देता।
इसकी नौकरी सीहोर से दूर विदिशा में है।
पत्नी अकेली छोटे-छोटे 7 साल की एक बच्ची और छोटे बच्चे के साथ रहती है।
पिछले 1 साल से यहां पर निरंतर यह सब चल रहा है।
जब बार-बार गाली गलौज से तंग आकर दिव्यांग व्यक्ति की पत्नी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय गई तो वहां से उसे एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कह दिया कि आप अपने घर पर सीसीटीवी कैमरा लगवा दीजिए।
तब हम अच्छे से कार्रवाई कर सकेंगे।
मरते क्या ना करते मजबूरन इस दिव्यांग ओमप्रकाश के परिवार ने सीसीटीवी कैमरा लगवाया।
जैसे ही कैमरा लगा तो सामने रहने वाले आरक्षक और उनकी पत्नी बुरी तरह बौखला गए।
बाकी दृश्य आपके सामने है।
और हां सबसे खास बात
पुलिस ने पुलिस वाले की शिकायत पर दिव्यांग और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
शर्म ....शर्म .....शर्म.... 
जिला पुलिस अधीक्षक को इस संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
आप कल्पना कीजिए दिव्यांग की पत्नी और उसके बच्चों की, जब उनके घर पर हमला हुआ तो महिला की तो जैसे जान ही निकल गई थी। 
छोटे बच्चे को छाती से चिपका  घर के अंदर, कैसे छुपी वही जानती है।
पुलिस को फोन लगाया पुलिस वाले आए तो सामने रहने वाले आरक्षक के घर नहीं गए।
दिव्यांग के परिवार वालों का कहना है कि हमें पुलिस वाले समझाते हैं कि आप खुद ही सावधान रहो।
आखिर यह किस प्रकार का माजरा है।
जो भी हो मामले को पुलिस विभाग को गंभीरता से लेना चाहिए और दोनों पक्षों को सामने बैठाकर तत्काल इसका हल करना चाहिए। क्योंकि इस मामले में एक दिव्यांग का परिवार अपने घर को छोड़कर अब गांव में जा कर रह रहा है।