बैतूल

युवा प्रकोष्ट मलकापुर ने लिया शतकवीर से आशीर्वाद ।

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सौरभ वर्मा ब्यूरो बैतूल ।।
किसी ने क्या खूब लिखा है 
की कुछ देर बैठा करो बुजुर्गो के पास , क्योकि हरचीज गूगल पर सीखने को नही मिलती ।।
बैतूल - आज के इस आधुनिक युग और भागती दौड़ती जिंदगी में लोग अपनो से कहि  दूर हो रहे है या उन्हें भूल रहे है वही हमारे गांवो की स्थिति ठीक विपरीत है यहां बड़ो का आदर सम्मान आज भी लोगो मे साफ नजर आता है आइये आपको मिलवाते है एक ऐसे शतायु वीर से जिन्होंने सौ बसंत देखे है और आज भी चुस्त दुरुस्त है ।।
जब कुर्मी प्रकोष्ठ मलकापुर ने ग्राम सोहागपुर पहुँचकर छह पीढ़ी के साथ जीने वाले शतकवीर श्रद्धेय प्यारेलाल जी चौधरी का तिलक लगाकर एवं आरती उतारकर शॉल श्रीफल से सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।इन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि उन्हें निरोगी तथा दीर्घजीवी बनाए रखे।खुश मिजाजी में सौ बसन्त देखने वाले शतकवीर का सम्मान करते हुए निश्छल भाव से सेवा करने वाली उनकी छोटी बहू का भी युवाओं ने सम्मान किया।
प्यारेलाल जी चौधरी की( बेटी समान) छोटी बहू और मलकापुर निवासी स्व.भगवानदीन महतों बड़ी सुपुत्री ने अपने सम्मान में कहा कि - यूँ तो अत्रि ऋषि की धर्मपत्नी माता अनुसुईया ने वनवासी सीता को नारियों के अनेक धर्मों की शिक्षा दी थी परन्तु बूढ़े सास -श्वसुर की भी सेवा बहू का परम धर्म ही है वह मैं कब से और कैसे निभाती चली आ रही हूँ मुझे तो पता ही नहीं शायद ये मेरी माँ के संस्कार हों। 
जिला कुर्मी समाज बैतूल के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष धीरेन्द्र वर्मा से चर्चा करते हुए नारियों की प्रेरणा स्रोत रामशीला बाई ने कहा कि सिर्फ *कल्याण*के नारी अंक तथा श्रीरामचरितमानस के नारी धर्म सुन या पढ़ लेने मात्र से ही परिवार तथा समाज में नारी धर्म स्थापित नहीं हो जाएगा बल्कि वृद्धों को भी मेरे पिता तुल्य श्वसुर जैसे बनना/रहना होगा।
इस शुभ घड़ी में उनका नाती गुड्डा वर्मा,कुर्मी समाज मलकापुर के पूर्व अध्यक्ष दीपक महतों, लोकेश वर्मा,प्रभात वर्मा, अर्पित चौधरी,राजकुमार वर्मा,मनीष चौधरी, ओमप्रकाश वर्मा, प्रेमकांत चौधरी तथा बन्टी मेंहतो उपस्थित थे।