भोपाल

739 प्रकरण: 766 को मिला लाभ मिला:जिला व तहसील न्यायालयों की 22 खंडपीठों में लगी नेशनल लोक अदालतें

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जिला न्यायालय सहित तहसील न्यायालय ब्यावरा, नरसिंहगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर व जीरापुर में शनिवार को इस साल की पहली नेशनल लोक अदालतों में लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। अदालत में सुनवाई के लिए जिला न्यायालय में 5 व 1 खंडपीठ महिला परामर्श केंद्र में बनाई गई थी।

वहीं तहसील ब्यावरा व सारंगपुर में 5-5, नरसिंहगढ़ में 3 व खिलचीपुर व जीरापुर में 2-2 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस प्रकार जिलेभर में 22 खंडपीठों में लंबित राजीनामा योग्य चिन्हित आपराधिक 1405 में से 221 प्रकरणों में समझौते कराए गए। इनमें 3 कराेड़ 66 लाख 39 हजार 858 रुपए के अवार्ड पारित कर 547 व्यक्तियों को लाभ दिया गया।

वहीं 8345 प्री-लिटिगेशन में से 518 प्रकरणों का निराकरण कर 3893156 रुपए के अवार्ड पारित किए। अदालत में उपरोक्त दोनों प्रकार के कुल 9750 प्रकरण सुनवाई के लिए चुने गए थे। इनमें से 739 प्रकरणों में राजीनामा कर कुल 40533014 रुपए के अवार्ड पारित कर 766 व्यक्तियों को लाभ दिया गया।

नपा व बिजली कंपनी के विवाद में बनी कमेटी: बिजली कंपनी व नपा के बीच बकाया टैक्स वसूली व बिजली बिल को लेकर जारी विवाद में जांच कमेटी बनाई गई है। नेशनल लोक अदालत में दोनों ही विभागों को नोटिस जारी किए गए थे। नपा सीएमओ पवन अवस्थी के अनुसार नपा का संपत्ति कर के रूप में डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। वहीं बिजली कंपनी का नपा से बिजली बिलों की बकाया के रूप में साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा लेनदारी है।

नपा अपनी राशि को बिल में समायोजित करने के लिए नगरीय विकास विभाग को पत्र लिख चुकी है। वहीं बकाया बिलाें को लेकर बिजली कंपनी ने भी नोटिस जारी कर कनेक्शन काटने की बात कही थी। इस विवाद में अब बिजली कंपनी व नपा की संयुक्त कमेटी आपसी चर्चा के बाद टैक्स जमा करने व बिल समायोजन पर फैसला करेंगी।

ससुराल में पत्नी को होती थी घबराहट, सुलह कराई

लोक अदालत के दौरान कुटुंब न्यायालय में राजेंद्र सिलावट वार्ड नंबर 4 शंकर रोड सुठालिया और उनकी पत्नी रवीना ग्राम निवोदिया के बीच सुलह कराई गई। दोनों का विवाह वर्ष 2018 में हुआ था। राजन ने न्यायालय में आवेदन देकर बताया कि शादी के दो-तीन दिन बाद ही उसकी पत्नी मायके चली गई थी। करीब 1 साल तक वह घर नहीं आई और कहती थी तुम्हारे घर में घबराहट होती है, अलग से घर की व्यवस्था करो। इसके बाद भी कई बार उसे घर आने के लिए मनाया पर बात नहीं बनी। दोनों के बीच कोर्ट में समझौता कराया और एक दूसरे को पुष्पहार पहना घर भेजा।