मंदसौर

भाजपा नेता ने विधवा से हथियाई थी 4 बीघा जमीन, कोर्ट ने रजिस्ट्री निरस्त की

मंदसौर

मंदसौर. पूर्व नपाध्यक्ष के जेठ व भाजपा नेता अनिल गुप्ता ने पीपलखूंटा निवासी विधवा महिला से गिरवी रखी 4 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवा ली थी। यह पहले मंदसौर निवासी राजेश जोशी के नाम करवाई फिर खुद की मां चंद्रकांतादेवी के नाम की। इसके बाद पीपलखूंटा निवासी शोभाराम जाट को बेच दी। संतान नहीं होने से पीड़िता सीतामऊ तहसील के गांव रिस्थल में अपने पीहर में रह रही थी। मामला सामने आने के बाद महिला ने एसडीएम कोर्ट में केस लगाया लेकिन एसडीएम ने याचिका खारिज कर दी। पीड़िता ने पुन : याचिका एडीएम कोर्ट में लगाई जहां एडीएम ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया। धोखाधड़ी से हुई 4 बीघा जमीन की रजिस्ट्री निरस्त की।


आवेदिका मानकुंवरबाई पति स्व. मनोहरसिंह राजपूत निवासी रिस्थल तहसील सीतामऊ ने परिवार की जमीन को 2008 में मंदसौर निवासी अनिल गुप्ता को 60 हजार रुपए में विधवा ननद रामकुंवर के साथ मिलकर गिरवी रखी थी। गुप्ता ने धोखाधड़ी कर 22 जुलाई 2015 को जमीन की रजिस्ट्री करवा ली। इसकी जानकारी मिलने पर दाेनाें महिलाओंने एसडीएम कोर्ट में केस दायर किया। जहां एसडीएम ने 29 जुलाई 2019 को केस को सिरे से खारिज कर दिया।
इस फैसले को मानकुंवरबाई ने एडीएम कोर्ट में चुनौती दी जहां एडीएम बीएल कोचले ने सुनवाई करते हुए 2 दिसंबर 2019 को फैसला सुनाया। इसमें 22 जुलाई 2015 को अनिल गुप्ता द्वारा की गई रजिस्ट्री को निरस्त करने व भू-अभिलेख में मानकुंवरबाई का नाम दर्ज करने की बात कही थी। इसके बाद 19 दिसंबर को मानकुंवरबाई ने कलेक्टर से शिकायत की। बताया कि 16 दिसंबर को अनिल गुप्ता, शोभाराम जाट व पप्पू जाट ने गांव में प्लान बनाया कि यदि मानकुंवर जमीन छुड़वाने आती है तो उसे जान से मार देंगे। किसी भी हालात में कब्जा नहीं देंगे। शिकायत पर कलेक्टर मनोज पुष्प ने तहसील कार्यालय को कब्जा छुड़ाने के लिए शनिवार को निर्देश दिए। इस पर नायब तहसीलदार मृणालिनी तोमर, हलका पटवारी मायनाज खान ने मौके पर जाकर मानकुंवरबाई को कब्जा दिलवाया।


जमीन मालिक मानकुंवरबाई ने कहा जमीन मेरे और ननद के हिस्से की थी, हमने 60 हजार रुपए में अनिल गुप्ता को गिरवी रखी थी। उसने धोखे से रजिस्ट्री करवा ली। न्याय के लिए एसडीएम कोर्ट गई लेकिन एसडीएम मेडम ने प्रकरण पर विचार तक नहीं किया। बड़े अधिकारी (एडीएम) ने हमारे पक्ष में फैसला दिया। इससे संतुष्ट हूं।

 

एडीएम कोर्ट ने बगैर दोनों पक्षों की बात सुना फैसला दे दिया। यह बात इससे साबित होती है कि फैसला उसके पक्ष में भी दिया है जिसने अपील ही नहीं की। 2008 से हमारा कब्जा है और नामांतरण है। हम कोर्ट में अपील करेंगे।

अनिल गुप्ता, भाजपा नेता

समाज में गरीब तबके के लोग इनसे प्रताड़ित हैं। मप्र में समाज के कमजाेर वर्गाें के कृषि भूमि धारकों का उधार देने वालों के भूमि हड़पने संबंधी कुचकों से परित्राण तथा मुक्ति अधिनियम 1976 है। इसके तहत कोर्ट ने विचार कर नियमों के मुताबिक पीड़िता मानकुंवर के पक्ष में फैसला सुनाया है।

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