धार

हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है बालीपुर धाम

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बालीपुर धाम एक ऐसा आश्रम जहाँ पहुंचने के बाद किसी का आश्रय नही लेता इंसान बल्कि हर एक उस दिन दुखी का आसरा बनके सेवा को तत्पर रहता है वहा से दिक्षा लिया इंसान।

मनावर से पन्नालाल गेहलोत 

धार जिले की मनावर के समीपस्थ ग्राम बालीपुर में अम्बिका आश्रम में पूज्य गुरु देव ब्रम्हलीन श्री श्री 1008 गजानन्द जी महाराज बालीपुर धाम में निरंतर चलने वाले यज्ञ के साथ ही नवमी के अंतिम दिन हवन की पूर्णाहुति 3 बजे सम्पन्न हुयी जिसमे हवन सामग्री के रूप में कुंटलो सुखा मेवा व शुद्ध घी के साथ अनेको अनेक प्रकार की दुर्लभ हवन सामग्री से यज्ञ की पुर्णाहुती के पश्चात कन्या भोजन करवा कर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमे देश के कयी प्रदेसो के साथ दूर-दूर से आए भक्तो ने यज्ञ में आहुती डाल कर माता रानी जी के दर्शन कर भोज लाभ लिया। बालीपुर धाम में वेसे तो वर्ष में दोनों ही नवरात्रि पर्व पे विशाल आयोजन वह भंडारा होता ही है वर्ष के प्रति नवरात्र पर हर महीने भी यज्ञ होता है जो सन 1944 से ले के आज तक अनवरत रूप से इसी क्रम से चल रहा है  दिन पर दिन श्रद्धालुओं की संख्या भी लाखों में होते जा रही है बाबाजी के मार्गदर्शन में होने वाले यज्ञ से लाखों लोगों का जीवन का कायाकल्प भी इस आश्रम में आने वाले भक्तों का होता रहा है कठोर आदर्श दिनचर्या व सरल सहज व्यवहार से जन सामान्य को धर्म-कर्म के साथ वैदिक दैविक व मानवीयता का पाठ पढ़ा के मानव सेवा में 24 घंटे सेवारत" करुणामूर्ति "बालीपुर वाले बाबा जी के नाम से जन मानस में बसी हुई भक्तो की आस्था आज भी ब्रह्मलीन पूज्य बाबा जी के नाम से आत्मा में बसी है बाबा जी का जन्म माता पिता के सनातन धर्म पालन व संस्कारों के द्वारा फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा संवत 1976 को हुआ शास्त्र में दारूण रात्रि के नाम से विख्यात जन्म दिवस को चरितार्थ कर जन-जन के दुखहर्ता अपने हाथों से निर्मित आयुर्वेद से लाखों रोगियों के जीवन कल्प बने आपने लौकिक के साथ वैदिक शिक्षा दीक्षा के बाद सन् 1944 में बालीपुर में अग्नि की स्थापना कर शतचंडी यज्ञ प्रारंभ किया और पूज्य बाबा जी के तप से लोक कल्याण व उनके श्रेष्ठ आचरण से धर्म शिक्षण होने लगा 1944 से अखंड अग्नि व माँ जगदंबे की आराधना का क्रम जीवन पर्यंत चला बाबाजी के तप से उनके उपरांत शिष्य योगेश जी  महाराज व सुधाकर जी महाराज द्वारा लोक सेवा व जन कल्याण के सभी प्रकल्प प्रतिदिन बढ़ रहे हैं पूर्व अनुसार नवरात्रि पर्व पर  सहस्त्र चंडी यज्ञ आचार्य श्री  प्रदीप जी शर्मा बंटी व श्री रविंद्र शुक्ला के आचार्यत्व में  तथा  पंडित श्री अरुण जी भार्गव नरेश जी शर्मा व जितेंद्र जी जोशी उज्जैन व उनके साथी ब्राह्मण देवताओं के सानिध्य में सहस्त्र चंडी यज्ञ संपन्न हो रहा है।इसमें विभिन्न क्षेत्रों से ब्राह्मण देवता व भक्त सम्मिलित हैं।
आश्चर्य चकित करने वाली बात यह भी है की यहां होने वाले आयोजनों को सफल बनाने के लिए किसी भी प्रकार की योजना नहीं बनाई जाती बल्कि हजारों लाखों भक्तों के भंडारे में भी कभी किसी प्रकार की अव्यवस्था आज दिन तक देखने को नहीं मिली अक्टूबर रविवार  ग्राम पिपली  तहसील गंधवानी  में  शतचंडी यज्ञ की  पूर्णाहुति  व भंडारा 7 अक्टूबर  सोमवार महा नवमी को सायंकाल अंबिका आश्रम धाम में पूर्णाहुति हुयी व रात्रि में विशाल धर्मसभा एवं नवरात्रि व्रत का पारणा हुआ दशहरे को रुद्राभिषेक के साथ ब्राह्मणों  व भक्तों की विदाई आशीर्वाद के  साथ होगी ।आशीर्वाद के लिए विशाल जनसमूह आसपास के क्षेत्र व विभिन्न स्थानों अलीराजपुर भोपाल इंदौर खंडवा गुजरात आदि स्थानों से उमड़ाता है  तब आश्रम की शोभा व भक्तिमय वातावरण अनुकरणीय व दर्शनीय रहता है यज्ञ में अग्नि देव के दर्शन व गुरुदेव की चरण रज के लिए सभी भक्त लालायित रहते हैं और अपनी भावना अनुसार मां की कृपा व गुरुदेव  के सानिध्य का प्रत्यक्ष अनुभव लाभ पाते हैं।