भोपाल

हाई कोर्ट ने कहा-'आदेश का पालन करो, नहीं तो अवमानना की कार्रवाई होगी

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 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए राजधानी परियोजना के सचिव को आदेशित किया है कि 24 फरवरी तक दैनिक वेतन भोगी कर्मी को नियमित करने के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने दैनिक वेतन भोगी कर्मी की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया है।

शिवाजी नगर, भोपाल निवासी रामराज पांडे की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि वह राजधानी परियोजना भोपाल में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। याचिका में कहा गया कि वर्ष 1990 में उससे जूनियर तीन दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित कर दिया गया। इस मामले में श्रम न्यायालय ने वर्ष 2007 में याचिकाकर्ता को वर्ष 1990 से नियमित करने का आदेश दिया, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

 

13 मार्च, 2019 को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 90 दिन के भीतर श्रम न्यायालय के आदेश का पालन करने का आदेश दिया। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ राजधानी परियोजना ने युगलपीठ में रिट अपील दायर कर दी। हाई कोर्ट ने 11 दिसंबर, 2019 को 25 हजार रुपये का जुर्माना (कॉस्ट) लगाकर रिट अपील खारिज कर दी। अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय, कौशलेंद्र पांडेय व आरती द्विवेदी ने दलील दी कि रिट अपील खारिज होने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने आदेशित किया है कि 24 फरवरी तक आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

 

 

मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने दिया ऑनलाइन मीडिएशन प्रशिक्षण : मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने भोपाल, ग्वालियर, देवास, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, खंडवा, मुरैना, रायसेन, राजगढ़ व श्योपुर जिले के मीना समुदाय को ऑनलाइन सामुदायिक मीडिएशन का प्रशिक्षण दिया। उप सचिव धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मीना समुदाय को 21 जनवरी से एक फरवरी तक 20 घंटे का ऑनलाइन सामुदायिक प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मीडिएटर, प्राधिकरण की सदस्य सचिव गिरिबाला सिंह, हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव राजीव कर्महे का योगदान रहा। उल्लेखनीय है कि विवादों के वैकल्पिक निराकरण की पद्धति के रूप में मध्यस्थता पद्धति की विशेष प्रासंगिकता व पहचान स्थापित हो चुकी है। इसी मंशा से सभी समुदायों को इससे जोड़ने का संकल्प लिया गया है।