लोकसभा चुनाव 2019

जानिए क्या कहता है ज्योतिष ; कौन बनेगा भाग्यविधाता

लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम का आने में अब महज कुछ घंटे ही शेष रह गए हैं, ऐसे में क्या नेता और क्या जनता सभी को चुनावी हार-जीत का बेसब्री से इंतजार है। जब तक चुनावी परिणाम नहीं आ जाते, तब तक सभी की जिज्ञासा है कि इस चुनाव में सभी दलों की क्या स्थिति रहेगी या फिर कौन सी पार्टी कितनी मजबूत होकर सामने आएगी। आइए इसी का आंकलन तमाम राजनेताओं की जन्मकुंडली से करते हैं — 

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव जिनका जन्म 24 अक्टूबर 1972 का प्रातः 5:30 इटावा में हुआ है, उसके आधार पर उनका कन्या लग्न और मेष राशि बैठती है। गोचर के ग्रहों की बात करें तो जिस दौरान चुनाव का ऐलान हुआ, तब से लेकर 28 अप्रैल तक दो महत्वपूर्ण ग्रहों की मजबूत स्थिति अखिलेश यादव के लिए हानिकारक था, क्योंकि अखिलेश यादव की जन्म पत्री में चतुर्थक धनु राशि का बृहस्पति विद्यमान है, जो राहु के साथ बैठता है। वह मातृ सुख तो क्षीण करता ही है, साथ ही साथ पारिवारिक वातावरण में असंतुलन भी पैदा करता है। 

6 अप्रैल से लेकर के 23 अप्रैल के बीच में गोचर में बृहस्पति उसी जगह पर विराजमान था, जो अखिलेश यादव के लिए हानिकारक था और विरोधियों के सक्रियता का सूचक बनता है। ऐसे में चुनाव के प्रारंभ का समय अखिलेश जी के लिए अनुकूल नहीं कहा जाएगा। साथ ही साथ बृषभ राशि का मंगल भाग्य स्थान में बैठकर के एक विरोधी स्थिति का सामना करवाता है, जो पारिवारिक विरोध के साथ-साथ राजनीतिक विरोध भी करवाता है।

नतीजतन, मनचाहा परिणाम तो नहीं मिलने के संकेत हैं, 28 अप्रैल के बाद अंतिम चरणों के चुनाव में अखिलेश के लिए लाभकारी ग्रह मजबूत हुए और शुक्र, बुध की युति भी लाभकारी रही है। बात करें 23 मई 2019 के दैनिक चक्र की तो अखिलेश जी के लिए अनुकूल दिन नहीं बन रहा है। ग्रहों के संकेत बताते हैं कि उन्हें अच्छे परिणाम नहीं मिलने जा रहे हैं। 

मायावती 

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे बड़ा बदलाव तब देखने को मिला जब अखिलेश और मायावती ने मिलकर चुनावी जंग लड़ने का ऐलान किया। ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती के ग्रहों की आकलन करना बहुत जरूरी है। कु. मायावती का जन्म 15 जनवरी सन् 1956 को शाम 6:04 पर हुआ था। इसके आधार पर उनका कर्क लग्न और मकर राशि बनती है। मायावती के ऊपर वर्तमान में साढ़ेसाती चल रही है और खराब ग्रहों की स्थिति काफी मजबूत है। 

वर्तमान में बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है, जो मायावती जी के लिए खराब है और विरोधियों को मजबूत करने का सूचक है। यही कारण है कि वह इस समय तमाम समस्याओं से घिरी हुई हैं और साथ ही उनका आत्मबल भी घटा हुआ है। ऐसे में यह चुनाव उनके लिए बहुत ही लाभकारी परिणाम वाला तो नहीं कहा जाएगा क्योंकि वर्ष कुंडली में लग्नाधिपति एवं भाग्याधिपति दोनों क्रमशः छठे घर में एवं आठवें घर में विराजमान हैं। साथ ही पांचवें घर में सर्वाधिक खराब शनि बुध मजबूत स्थिति में एक साथ हैं और चतुर्थ भाव में गुरु का कमजोर होना और शुक्र का मजबूत होना आज मायावती के लिए खराब संकेत देते हैं। 

इन सबके बावजूद 23 मई का दिन मायावती के लिए थोड़ा सा लाभकारक बन रहा है, क्योंकि मकर राशि के अनुसार वृषभ राशि का सूर्य बुध एवं एकादश गुरु कुछ अच्छे संकेत बना रहे हैं। भले ही पिछली बार मायावती जी का खाता भी न खुला हो लेकिन इस बार निश्चित तौर पर उन्हें कुछ सीटें अवश्य प्राप्त होने जा रही हैं। अखिलेश और माया की जन्मपत्री देखने पर एक बात शीशे की तरह साफ होती है कि इस गठबंधन की उम्मीद के मुताबिक दोनों नेताओं को परिणाम नहीं हासिल होने जा रहा है। 

ममता बनर्जी 

ममता बनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1952 प्रातः 7:00 बजे हुआ है, जिसके अनुसार मकर लग्न एवं मेष राशि बनती है। जन्मपत्री में प्रारंभ में कारक ग्रह काफी अनुकूल रहे हैं। जो ममता बनर्जी को 38 वर्ष की अवस्था से निरंतर प्रगति और मजबूत सफलता दिलाते आए हैं, लेकिन अगर वर्तमान में बात करें तो इनके ऊपर राहु की महादशा और मंगल की अंतर्दशा चल रही है, जो 27 जुलाई 2019 को समाप्त होगा। यह दशा ममता दीदी के लिए बहुत अच्छी नहीं कही जाएगी। साथ ही साथ गोचर में चुनाव के दौरान धनु का बृहस्पति लग्न से द्वादश स्थिति होने के कारण खराब था, जो तनाव चिंता देता है, लेकिन वर्तमान में परिणाम के समय में भी राशि से अष्टमेष गुरु भी अनुकूल नहीं कहा जाएगा। साथ ही साथ गोचर में चुनाव के समय वृषभ का मंगल भी चिंता देने का सूचक है। 

वर्ष कुंडली में दशम भाव में शनि बुध की युति और भाग्य स्थान में शुक्र और गुरु की युति थोड़ा सा कठिनाइयों के सूचक है। ऐसा लगता है कि इस चुनाव में ममता दीदी कमजोर हुईं है और निसंदेह भाजपा वहां पर अपनी स्थिति मजबूत करने में सफल हुई है। ग्रहों के संकेत बताते हैं कि ममता दीदी के लिए आगे का रास्ता थोड़ा मुश्किल है, लेकिन फिर भी 23 मई को जिस दिन परिणाम आ रहा है, वह समय उनके लिए थोड़ा अनुकूल कहा जाएगा, क्योंकि वृष राशि में सूर्य बुध का होना तथा शुक्र का मेष राशि में होना और शनि का धनु राशि में होना शनि और शुक्र का मूल त्रिकोण संबंध होना निसंदेह अनुकूल स्थिति के सूचक है। ऐसे में ममता बनर्जी को बंगाल की राजनीति में ज्यादा नुकसान नहीं होगा। यह बात अलग है कि सीटों की संख्या उनके मनमुताबिक नहीं होगी। 

राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दोपहर 2:45 में दिल्ली में हुआ था जिसके आधार पर उनका जन्म लग्न तुला है और राशि धनु है। जन्म पत्रिका का मुख्य कारक और गवर्निंग प्लानेट शनि सप्तम भाव में चर राशि में पाया जा रहा है। साथ ही साथ भाग्य अधिपति बुध का अष्टम भाव में होना थोड़ा राजनीतिक दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। ऐसे व्यक्ति को राजनीति में ज्यादा ही संघर्ष करना पड़ता है। 

वर्तमान चुनाव की बात करें तो गोचर में जब से वृश्चिक का बृहस्पति आया है तब से राहुल गांधी के लिए सफलता का समय प्रारंभ हुआ है, क्योंकि इनकी जन्मपत्री में सर्वाधिक कारक ग्रह गुरु ही है, जो लग्न में वक्री होकर बैठा है, जो शनि पर दृष्टि नहीं है, इसी कारण कूटनीति और वाक् पटुता का आभाव राहुल गांधी के अंदर दिखाई देता है। यही कारण है कि राजनीति में वह बहुत मजबूत नहीं हो पा रहे हैं।

जब चुनाव प्रारंभ हुआ था, तो गोचर में 6 अप्रैल से 23 अप्रैल 2019 तक बृहस्पति का धनु राशि में होना तथा 28 अप्रैल 2019 तक मंगल का वृषभ राशि में होना राजनीतिक दृष्टिकोण से श्री राहुल गांधी के लिए अच्छा समय नहीं कहा जाएगा। इस दौरान जो भी वोट पड़े होंगे, वह राहुल गांधी के लिए लाभकारी तो नहीं कहे जाएंगे, लेकिन उसके बाद जो वोट पड़े हैं, उसमें राहुल गांधी को सफलता मिली है। 

अक्टूबर 2018 के बाद से ही राहुल गांधी का राजनीतिक स्थिति मजबूत होना प्रारंभ हुई और इस चुनाव में भी पूर्व चुनाव के अपेक्षा उनके नेतृत्व में कांग्रेस की हालत सुधरी है। लेकिन राहुल गांधी की कुंडली में ऐसे मजबूत ग्रह नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें देखकर यह कहा जाए कि वह आगे चलकर के प्रधानमंत्री बनेंगे अथवा अपने बलबूते कांग्रेस को मजबूती से चला सकेंगे। बहरहाल, 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को पूर्व की अपेक्षा थोड़ी बहुत अधिक सीटें ही मिलने जा रही हैं और वह कोई बहुत मजबूत पार्टी बनकर उभर पाएगी, इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं नजर आ रही है। 

नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 प्रातः 9:45 पर मेहसाणा, गुजरात में हुआ था। जिसके आधार पर उनका जन्म लग्न तुला और राशि वृश्चिक बनती है। श्री नरेंद्र मोदी की जन्मपत्री में पंचमस्थ गुरु एक स्वाभिमानी सिद्धांतवादी तथा बहुत हद तक सामाजिक जीवन में रहते हुए भी आध्यात्मिक जीवन का पालन करने वाले व्यक्तित्व के रू में दर्शाता है। साथ ही एकादश भाव में शनि और शुक्र का पंचम भाव पर दृष्टि एक बुद्धिमान दूर दृष्टि की क्षमता वाले कूटनीतिज्ञ और वाक् पटु तथा दूसरों को अपनी बातों से आकर्षित करने वाला व्यक्तित्व का धनी बनाता है। 

वर्तमान में उनकी जन्मपत्री के सारे कारक ग्रह अपने अंश के अनुसार काफी मजबूत स्थिति में हैं। साथ ही साथ नवमांश में छठे घर का मंगल दसवें घर में विराजमान बृहस्पति से मूल त्रिकोण का संबंध बनाते हुए एक मजबूत शासक का योग तो बना ही रहा है, साथ ही साथ भाग्याधिपति शुक्र का सप्तम में होना भाग्य के अनुकूल फल दिलाने का सूचक है। ऐसे में जन्म चक्र के अनुसार दशमेश चन्द्र की महादशा में भाग्याधिपति बुद्ध की अंतर्दशा होना एक मजबूत योगकारक दशा कही जाएगी, जो श्री नरेंद्र मोदी को पूर्ण भाग्य का सहयोग दिलाने में सहायक है। 

चुनाव के दौरान गोचर एवं दैनिक चक्र बात करें तो 11 अप्रैल, 18 अप्रैल 29अप्रैल एवं 12 मई का ग्रहों की स्थिति काफी अनुकूल कही जाएगी। इन दिनों जो भी वोट पड़ा होगा, वह श्री नरेंद्र मोदी को सफलता दिलाने में काफी मददगार साबित होगा। ऐसी स्थिति में अगर हम आकलन करें तो निसंदेह श्री नरेंद्र मोदी बहुमत पाने में सक्षम होंगे या बहुमत के सन्निकट होंगे। सभी नेताओं में नरेंद्र मोदी की ही जन्मपत्री, इस समय सर्वाधिक मजबूत स्थिति में है, जो प्रधानमंत्री बनने की क्षमता रखता है। साथ ही आगे तक शासन करने के भी योग बन रहे हैं। ऐसी स्थिति में नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी की राह स्पष्ट नजर आती है। हालांकि 23 मई 2019 का परिणाम वाला दिन का दैनिक चक्र देखें तो थोड़ा सा प्रधानमंत्री के लिए कुछ खराब ग्रहों की प्रतिकूलता बन रही है, जो उन्हें चिंता में डालेगा,

23 मईं को सुबह 11:30 तक आने वाले परिणाम नरेंद्र मोदी के लिए अनुकूल रहेंगे। जबकि 11:30 के बाद ग्रहों की स्थिति बदल रही है जो श्री मोदी के लिए अनुकूल नही है।  फिर भी श्री नरेंद्र मोदी को बहुमत के निकट निश्चित ही पहुंच जाएंगे और सरकार बनाने में सक्षम होंगे

इधर हम कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह की कुंडली का भी विश्लेषण कर रहे हैं। उनकी कुंडली मे प्रबल वज्रकेसरी योग बन रहा है जो उनके राजनीतिक जीवन के लिए बेहद लाभकारी है। उनके लिए परिणाम अनुकूल आने के प्रबल योग है। साथ ही प्रधानमंत्री की कुर्सी तक क्या उनके ग्रह उन्हें पहुंचा पाएंगे इसका विश्लेषण जल्द ही आप तक पहुंचाएंगे ।

नोट : खबर में दिए गए संभावित परिणाम लेखक के निजी ज्योतिषीय आंकलन के आधार पर हैं, इसका मतगणना या किसी चुनावी सर्वे से कोई सरोकार नहीं है।