चंदौली

चंदौली-शिक्षा के महत्व विषय पर हुयी गोष्ठी

चंदौली

चहनियां ।रामगढ़ पंचायत भवन में अनुज सिंह के नेतृत्व में शिक्षा के गिरते स्तर व बाजारीकरण की समस्या पर रविवार को एक संगोष्ठी की गयी ।कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्वलित कर की गई।कार्यक्रम के शुरुआत में दीपेश सिंह जी अपने विचार मे शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा क्यों जरूरी है शिक्षा क्यों होनी चाहिए शिक्षा समाज को नियंत्रित करती है या समाज शिक्षा को नियंत्रित करती है,राजनीति शिक्षा को नियंत्रित करती है या शिक्षा राजनीति को नियंत्रित करती हैं।अंग्रेजों ने भारत को राजनीति व शिक्षा के बल नियंत्रित किया और राज किया।अरविंद कुमार सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारी शिक्षा कहाँ थी और हम अब कहाँ आ गए हैं जो शिक्षा कल थी आज हैं कि नहीं है हमारे पैरों तले जमीन है कि नहीं है।उस पर विचार करने की जरूरत है।अध्यक्षीय संबोधन में अरविन्द पाण्डेय डाक्टर ने कहा कि शिक्षा मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है। शिक्षा के बल पर ही हम अपने   अधिकारों को जान व पहचान सकते है।हमारा लक्ष्य सिर्फ शिक्षा ग्रहण करने से नहीं है शिक्षा का सही सदुपयोग भी है एक प्रोफेसर चाहे कितना ही जानकार क्यों न हो अगर उसको बात करने का सही तरीका नहीं मालूम है तो उसका शिक्षा बेकार है ।विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से राजकुमार सिंह, जवाहर नवोदय विद्यालय बैराठ के प्रधानाचार्य अंशुमान सिंह, राजू मौर्या, अनिल कुमार पांडेय, खदेरन पांडेय, मंगल पांडेय, पियूष सिंह,अजीत यादव, प्रदीप गुप्ता, संदीप बरनवाल, अन्नु सिंह ,आशिष सिंह, सुजीत सिंह, अनुप सिंह, शहाबुद्दीन,टींकू राय, आशुतोष,शिवदत्त पांण्डेय आदि उपस्थित रहे।संचालन विशाल पाठक ने किया।

सूर्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट