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एनसीपी को मिला सरकार बनाने का न्योता, 24 घंटे में साबित करना होगा बहुमत

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महाराष्ट्र में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यरी ने तीससी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को सरकार बनाने का न्योता दिया है। एनसीपी को 24 घंटों में बहुमत साबित करने के लिए कहा गया है। एनपीसी विधायक दल के नेता अजीत पवार राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। इससे पहले शिवसेना के आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, लेकिन वह ये साबित नहीं कर सके कि उन्हें राकांपा या कांग्रेस का समर्थन है। इससे पहले सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को राज्यपाल ने बुलाया था, जिसने बहुमत नहीं होने की स्थिति में सरकार बनाने से इन्कार कर दिया था।

पढ़िए दिनभर का घटनाक्रम -

 - राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने देर रात सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने पूरे हालात के लिए उद्धव ठाकरे पर ठीकरा फोड़ दिया। पवार ने कहा कि शुरू से स्थिति साफ नहीं थी कि शिवसेना की सरकार कैसे बनेगी। उन्हें इस मामले में उद्धव ठाकरे का कोई फोन भी नहीं आया।

 महाराष्‍ट्र में उलझी सियासत के चलते अब कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार की सुबह 10 बजे आपात बैठक बुलाई है। यह बैठक एनसीपी की बैठक से पहले बुलाई गई है।

- भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि भाजपा कोर टीम की बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई। इसके आधार पर बीजेपी 'वेट एंड वॉच' का रूख अपना रही है।

- एनसीपी के जयंत पाटिल ने कहा है कि प्रक्रिया के अनुसार राज्‍यपाल ने हमें पत्र दिया है। इसमें राज्‍य की तीसरी बड़ी पार्टी होने के नाते हमें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। हमने उन्‍हें सुझाव दिया है कि हम अपने घटक दलों से बात करेंगे और इस पर जवाब देंगे। इसकी समयसीमा कल रात साढ़े आठ बजे तक की है।

राकांपा को न्योता मिलने के बाद पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा, हमने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। अब अगले 24 घंटों में दोनों दल मिलकर विचार करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे।

- महाराष्ट्र में बिना शिवसेना के राकांपा और कांग्रेस की सरकार नहीं बन सकती है। प्रदेश में बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा है। राकांपा (54) और कांग्रेस (44) के पास कुल 98 सीटें हैं। शिवसेना (56) समर्थन देती है तो बहुमत का आंकड़ा 154 होता है और सरकार बन सकती है, लेकिन शिवसेना सीएम पद पर अड़ी है।

सोमवार को दिनभर शिवसेना ने कांग्रेस व राकांपा के समर्थन से सरकार बनाने की तैयारी कर ली, लेकिन तय समय 7.30 बजे तक वह राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के समक्ष समर्थन का पत्र नहीं सौंप सकी। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात कर दो दिन का वक्त मांगा, लेकिन राज्यपाल ने इससे इनकार कर दिया। कांग्रेस व राकांपा ने भी अभी शिवसेना को समर्थन के पत्र नहीं सौंपे हैं।

- इससे पहले तीनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच दिनभर गहन विचार-मंथन के दौर चले। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कभी पवार से मिले तो कभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर चर्चा की। इससे संकेत मिले कि राज्य में नई गठबंधन सरकार बन सकती है। लेकिन दोनों पार्टियों ने शाम तक शिवसेना को समर्थन के पत्र नहीं सौंपे। राज्यपाल ने रविवार को भाजपा द्वारा सरकार बनाने से इनकार के बाद शिवसेना से पूछा था कि क्या वह सरकार बनाने की मंशा रखती है और और हां तो उसके पास बहुमत के क्या प्रबंध हैं? जवाब देने के लिए शिवसेना को शाम 7.30 बजे तक का वक्त दिया गया था।

इससे एक घंटे पहले आदित्य ने पार्टी विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे व अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात की। इसमें उन्होंने थोड़ा वक्त देने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राकांपा ने शिवसेना को सरकार के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है, लेकिन पत्र अभी नहीं मिला है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ने बताया कि राज्यपाल ने वक्त देने से इनकार कर दिया है। फिर भी हम सरकार बनाने के प्रयास जारी रखेंगे। अगले 24 घंटे में फिर राज्यपाल से मिलेंगे।

दिनभर मुंबई से दिल्ली तक 'महा उठापटक

  • शिवसेना नेता अरविंद सावंत का केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा।
  • उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से की मुलाकात।
  • कांग्रेस की दिल्ली में सुबह व शाम में दो बार बैठकें।
  • सोनिया गांधी से की उद्धव ठाकरे ने फोन पर चर्चा।
  • सोनिया गांधी ने जयपुर में रखे गए महाराष्ट्र के पार्टी विधायकों से चर्चा की।
  • आदित्य ठाकरे व एकनाथ शिंदे शाम साढ़े छह बजे राज्यपाल कोश्यारी से मिलने पहुंचे।

पवार की मांग मानी, शिवसेना ने छोड़ा मोदी सरकार का साथ

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना को समर्थन से पहले केंद्रीय मंत्री से अरविंद सावंत का इस्तीफा दिलाने की मांग की। इसके बाद मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्री सावंत ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि अब भाजपा पर कोई विश्वास नहीं रह गया है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने विस चुनाव में बराबर-बराबर सीटें देने और सरकार में 50:50 हिस्सेदारी जैसे वादे पूरे नहीं किए इसलिए हमने संबंध तोड़ लिए।

होटल में पवार से मिले उद्धव

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ मुंबई की एक होटल में करीब 45 मिनट तक चर्चा की। इसमें उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए राकांपा का समर्थन मांगा। दोनों नेताओं ने 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर भी बात की। होटल में आदित्य ठाकरे व शिवसेना नेता संजय राउत भी मौजूद थे। जबकि राकांपा की ओर से अजित पवार व सुनील तटकरे मौजूद थे।

सोनिया गांधी के घर दो बार कांग्रेस की बैठक, घंटों चर्चा

महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली के 10 जनपथ स्थित निवास पर सुबह व शाम मिलाकर दो बार बैठकें कीं। इसमें शिवसेना के नेतृत्व में नई महाराष्ट्र सरकार पर विचार किया गया। पहली बैठक सुबह 10 बजे हुई, इसमें महाराष्ट्र के पार्टी प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे, मुकुल वासनिक, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोरात, राजीव सातव, माणिकराव ठाकरे शामिल हुए। इस बैठक के बाद महाराष्ट्र के प्रभारी दूसरी बैठक शाम 4 बजे बुलाई गई थी, जो शाम 6.45 बजे खत्म हुई। इसमें महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण व सुशील कुमार शिंदे तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात व केसी पडवी शामिल हुए।

संजय राउत के सीने में दर्द लीलावती अस्पताल में भर्ती

शिवसेना की सरकार बनवाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे संजय राउत दोपहर करीब 3.30 बजे लीलावती अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की, इसके बाद उन्हें भर्ती किया गया। डॉ. जलील पारकर ने बताया कि उन्हें संभवत: मंगलवार को छुट्टी दे दी जाएगी। दो दिन पहले भी वह चेक-अप के लिए अस्पताल पहुंचे थे।

35 साल पहले बाल ठाकरे ने थामा था भाजपा का हाथ

  • शिवसेना ने करीब 35 साल बाद भाजपा का दामन छोड़ा है।
  • 1984 में शिवसेना के पितृ पुरुष बाल ठाकरे ने भाजपा के तत्कालीन शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी के साथ गठबंधन किया था।
  • तब पहली बार शिवसेना प्रत्याशियों ने भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ा था।
  • 1989 में दोनों दलों के बीच औपचारिक गठबंधन हुआ था।