रुड़की

चीन सीमा को जोड़ने वाले नीती-माणा हाईवे से बर्फ हटाने में जुटे सेना और आईटीबीपी के जवान

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तीन दिनों तक हुई बारिश व बर्फबारी ने आम लोगों के साथ ही सेना की दुश्वारियां भी बढ़ा दी हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाले नीती और माणा हाईवे पूरी तरह बर्फ से ढके हुए हैं। मलारी और औली में आईटीबीपी के जवान स्वयं बर्फ हटाने में लगे हैं। 

जोशीमठ-नीती हाईवे पर भापकुंड से आगे बर्फ से ढका हुआ है। यहां सेना और आईटीबीपी के जवानों की आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ी है। माणा गांव में स्थित आईटीबीपी के जवान भी निचले क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रहे 

जोशीमठ के सुनील गांव स्थित आईटीबीपी के कैंपस के आसपास अभी भी एक फीट बर्फ जमी है। यहां जवान स्वयं ही बर्फ हटाने में जुटे हैं। शुक्रवार को चटख धूप खिलने पर सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग ने मुख्य मार्गों से जेसीबी से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है।

शुक्रवार को चटख धूप खिलने से ठंड से कुछ राहत रही, वहीं बंद सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। जिले की कुल 15 सड़कें अभी बंद हैं और 153 गांव बर्फबारी से प्रभावित हैं। 

जोशीमठ-औली, जोशीमठ-परसारी, गोपेश्वर-पोखरी, लोहजंग-वाण, कुनारबैंड-घेस, घाट-धूनी, तपोवन-करछौं, ढाक-करछौं-रेगड़ी, घाट-सुतोल-कनोल, पोखरी-रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग-नौटी-पैठाणी, सोनाली-दशोलीखाल-भटियाणा, निजमुला-पाणा ईराणी, जोशीमठ-मलारी, गोपेश्वर-चोपता सड़कें बंद पड़ी हैं। 

बर्फबारी से अभी जिले में वहीं जोशीमठ ब्लॉक के 55 गांव, दशोली के आठ, पोखरी के 12, थराली के 43, कर्णप्रयाग के नौ और घाट ब्लॉक के 16 गांव प्रभावित हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी के अनुसार बंद सड़कों दो दिन में खोल दिया जाएगा।