none

आजम खां का गढ़ बचाने आज मैदान में उतरेंगे अखिलेश यादव, रामपुर में करेंगे चुनावी सभा

none

रामपुर:  

उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव (UP Assembly by poll) होने हैं. बीजेपी (BJP) जहां इस सीटों पर दोबारा कब्जा करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने रामपुर सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. यही कारण है कि बीजेपी और सपा दोनों ने इस सीट के लिए पूरी तरह कमर कस ली है. सपा उपचुनाव की 11 सीटों में से केवल रामपुर पर ही अधिक सक्रिय है. रामपुर से सांसद आजम खां के गढ़ को बचाने की खातिर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मैदान में हैं. अखिलेश यादव आज रामपुर में पार्टी की प्रत्याशी और आजम खां की राज्यसभा सदस्य पत्नी डॉ. तजीन फात्मा के पक्ष में जनसभा करेंगे.

रामपुर सीट को सपा ने प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है. इस सीट पर हर हाल में जीत सुनिश्चित करने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को रामपुर के किला मैदान में सपा प्रत्याशी डॉ. तजीन फात्मा के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगे. गौरतलब है कि विधानसभा के उप चुनाव में अखिलेश ने किसी प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया है, वह सिर्फ रामपुर में डॉ. फात्मा के समर्थन में सभा को संबोधित करेंगे.

इस सभा के माध्यम से यह जताने की कोशिश की जाएगी कि पूरी पार्टी आजम खां के साथ खड़ी है. अखिलेश यादव के आगमन को लेकर सपाइयों ने तैयारियां कर ली हैं. जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव प्राइवेट प्लेन से लखनऊ से चलेंगे और 1.50 बजे मुरादाबाद के मूंढापांडे हवाई पट्टी पर उतरेंगे. इसके बाद वहां से सड़क मार्ग से रामपुर आएंगे. रामपुर में 2:30 बजे किला मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे. यहां करीब डेढ़ घंटा तक जनसभा स्थल पर रहेंगे.

आजम के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में भी गए थे रामपुर
आजम खान के खिलाफ हुई जिला प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में भी अखिलेश यादव ने रामपुर का दौरा किया था. रामपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रत्याशी तजीन फातमा के पक्ष में होने वाली इस जनसभा में पश्चिमी यूपी के सभी नेताओं से शिरकत के लिए कहा गया है. सपा ने रामपुर सीट पर पूरा जोर लगा दिया है. आजम खान रामपुर सीट से 9 बार विधायक रह चुके हैं.

जनसभाओं में निकला है आजम का दर्द
आजम खान पत्नी के समर्थन में चुनावी जनसभाओं में लगातार भावुक अपील कर रहे हैं, उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को हथियार बना लिया है. अपनी सभाओं में अपने और परिवार के खिलाफ दर्ज मुकदमों की दास्तां सुनाकर तीन बार रो भी चुके हैं.